आयुर्वेद के अनुसार चना खाने से आपका शरीर सिर्फ स्वस्थ ही नही बल्कि बलवान और शक्तिशाली भी बनेगा। चना भी उन चीजो के नामों में शामिल है जिनके बारे में कहा जाता है की एक चीज के अनेक फायदे। यह जवानो और श्रम करने वालों के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसे पचाने के लिए पाचन शक्ति का अच्छा होना भी जरूरी है और दूसरा इन दो तरह के व्यक्तियों को बल की ज्यादा जरूरत पड़ती है। वैसे तो चना कैसे भी खाया जाये फायेदमंद सिद्ध होता है लेकिन निम्नलिखित दो खास विधियों से आप चने का भरपूर फायदा उठा सकते हो।
1. भीगे हुए चने खाना
25 ग्राम देशी (काले) चने लेकर अच्छी तरह साफ कर ले । मोटे पुष्ट चनो को चुनकर साफ करके, कीड़े या डंक लगे व टूटे चने निकाल कर फेंक दें। संध्या के समय 125 ग्राम जल में इन्हे भिगो दे। प्रात: शौचादि से निवृत्त होकर एवं व्यायाम के बाद चनो को अच्छी प्रकार चबाकर खाये और ऊपर से चनों का पानी वैसे ही अथवा उसमें एक-दो चम्मच शहद मिलाकर पी जाएॅ। दिखने में साधारण योग है, किन्तु शरीर को बल और शक्ति प्रदान करने में बहुत प्रभावशाली है।
विशेष
1. चने की मात्रा धीरे-धीरे 25 ग्राम से 50 ग्राम तक बढ़ाई जा सकती है। भीगे हुए चने खाने के बाद यदि दूध पिया जाये तो वीर्य पुष्टि होती है।
2. व्यायाम के बाद रात को भीगे हुए चने, चने का पानी सहित नियमित रूप से सेवन करने से आपका स्वास्थ्य बना रहेगा। कहावत भी है – ‘खाये चना रहे बना ‘ .
3.सावधानी-जिसकी पाचन शक्त्ति अत्ति दुर्बल हो, या चना खाने से पेट में अफारा आता है, उन्हें चनो का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. अंकुरित चनो का सेवन
अंकुरित चना खाना सबसे ज्यादा फायेदमंद है। अंकुरित चना धातु पौष्टिक, मासपेशियों को सुदृढ़ व शरीर को वज्र के सदृश बनाने वाला तथा प्राय: समस्त चर्म रोग नाशक है। विटामिन ‘सी’ की प्रचुरता के कारण यह नाश्ता वजन बढ़ाता है, खून में वृद्धि करता है। इसके इलावा अंकुरित चने का सेवन फेफड़े मजबूत करता है, रक्त में कोलेस्ट्रोल कम करता है और दिल की बीमारियाँ दूर करने में सहायक होता है।
चने अंकुरित चने करने की विधि
अंकुरित करने के लिए चनो को अच्छी तरह साफ़ करके इतने पानी में भिगोएँ कि उतना पानी उसमे शोषित हो जाये। प्रांत: काल पानी में भिगो दे और रात्रि में पानी से निकाल कर किसी साफ़ मोटे गीले कपडे या उसकी थैली में बांधकर लटका दे। गर्मी में 12 घंटे और शीत काल में 18 से 24 घंटे तक भिगोने के बाद गीले कपडे में बाँधने से दूसरे तीसरे दिन उसमे अंकुर निकल जाते है। गर्मी में थैली पर आवश्यकतानुसार पानी छिड़कते रहना चाहिए। इस प्रकार चने अंकुरित हो जाये। अंकुरित चने का नाश्ता एक उत्तम टॉनिक है। अंकुरित चनो में कुछ लोग स्वाद की लिए पिसी हुई काली मिर्च, सैंधा, नमक, अदरक की कुछ कतरन एवं नीम्बू की कुछ बुँदे भी मिलाते है, परन्तु आप यदि इन्हे बिना किसी मिलावट के खा सके तो अधिक उत्तम होगा।