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कई मोटे मरीज मेरे पास आते हैं , जिन्होंने अपने मोटापे की वजह से खाना कम कर दिया है ! या सिर्फ एक समय ही खाना खाते हैं दूसरे समय कुछ भी नहीं ! या जो dieting पर हैं ! लेकिन फिर भी उनका मोटापा कम होने की जगह बढता ही जा रहा है ! ऐसे लोगों मे से कहीं आप भी तो नहीं ? अगर हाँ ,तो ये artical शायद आप के काम आये !
इस topic पर चर्चा करने से पहले कुछ बातें अपने शारीर के बारे मे हम कर लें ,ठीक है !
हमारा शरीर एक बड़े यन्त्र या मशीन की तरह है , वो मशीन जो लगातार बिना रुके 24 घंटे सातों दिन काम करती रहती है !
अब आप कहेंगे की हम लगातार काम कहाँ करते हैं ? रात मे सोते भी हैं , दिन में झपकी भी लेते हैं , फिर लगातार काम कहाँ हुआ ? है ना ?
दोस्तों , सोते आप हैं , आपका हृदय ,आपके lungs ,आपका digestive system , आपका blood circulatory system ये सारे system अनवरत अपना कार्य करते रहते हैं ! जब आप गहरी नींद में होते हैं तब भी दिल का धडकना , खून का सारे शारीर में घूमना , सांस का आना -जाना , खाने का पचना इत्यादि काम अनवरत होते रहते हैं ! जिनकी बदोलत आप स्वस्थ और जिन्दा रहते हैं !
किसी भी मशीन या गाडी को चलने के लिए उर्जा (energy ) की आवश्यकता होती है फिर वो उर्जा चाहे बिजली हो ,petrol हो या desal !
उसी तरह आपके शारीर की उपरोक्त क्रियाओं को सतत चलाने के लिए भी शक्ति की आवश्यकता होती है ,जो आपके शरीर को खाए गए खाने से मिलती है !
आप जो खाना खाते हैं ,उसके पचने से शक्ति उत्पन्न होती है ,जो शरीर को चलाने में काम आती है ! शक्ति के आमद -खर्च का ये सिलसिला निर्बाध रूप से चलता रहता है !
जो energy आपके खाने से बनती है उसमे से कुछ तो तुरंत काम आ जाती है और कुछ भविष्य के लिए संगृहीत हो जाती है ! जिस प्रकार बैंक में current account और saving account होते हैं ! शरीर की ये जो saving energy है ये चर्बी (fat ) के रूप में आपके शरीर में जमा होती है !
आपने पढ़ा या देखा होगा की कुछ लोग रेगिस्तान या समुद्र में कई दिनों तक फँस जाते हैं ,भटक जाते हैं ,उनके पास कुछ भी खाने -पीने को नहीं होता है ,फिर भी वो लोग कुछ दिनों तक अपने आप को बिना कुछ खाए हुए भी जिन्दा रख पाते हैं ! है ना ?
ऐसे आपातकाल के लिए शरीर fat के रूप में energy को save रखता है !
जो लोग नियम से सुबह शाम खाना खाते हैं उनकी energy के आमद खर्च का तारतम्य बना रहता है !और शरीर सहज रूप से उस energy को खर्च कर लेता है !
दोस्तों ,परेशानी (मोटापा) ,तब शुरू होती है जब आप मोटापे के चक्कर में एक समय का खाना बंद कर देते हैं ,या खाना कम कर देते हैं ,या dieting करने लग जाते हैं ! इससे होता यह है की energy के आमद खर्च का जो गणित था वो गड़बड़ा जाता है !
आप चाहे खाना खाएं या ना खाएं आपके शरीर को तो energy चाहिये ही अपने आपको चलाने के लिए !
जब आपके शरीर को ये लगने लगता है कि ये आदमी तो मुझे समय से उर्जा नहीं दे रहा है ,जितनी जरूरत है उतनी नहीं दे रहा है ,और जब चाहिए तब नहीं दे रहा है तब शरीर का आपात तंत्र सक्रिय हो जाता है !
दोस्तों ,आपने देखा होगा की बाजार में किसी चीज की कमी होने पर हर आदमी उसे जरूरत से ज्यादा खरीद कर अपने घर में इकठ्ठा कर लेता है ताकि उसकी उपलब्धता बनी रहे ,उसे वो चीज समय से मिलती रहे ,है ना ?
उसी तरह जब आप शरीर को सही समय पर और पूरा खाना नहीं देते हैं तो वो भी आपातकाल की तरह energy को reserve कर लेता है ! उर्जा को शरीर में storage कर लेता है ! और ये storage fat के रूप में आपके शरीर में जमा होता है !
फिर होता ये है की आप जितना कम खाते हैं उतनी ही fat (मोटापा ) बढ़ने लगता है ! आप समझ ही नहीं पाते की कम खाते हुए भी मोटापा क्यों बढ़ रहा है ! है ना ?
जब आपने शरीर का current account कम कर दिया है तो वो saving account तो बढाएगा ही !
दूसरी बात जब आप एक समय ही खाते हैं तो जाहिर है भूख से थोडा ज्यादा ही खाने में आता है , क्योंकि पेट को पता है की शाम को तो खाना मिलेगा नहीं इसलिए वो आपको 2 चपाती ज्यादा ही खिला देता है !
फिर धीरे धीरे आपके शरीर में fat जमा होने लगती है ! fat सबसे पहले आपके पेट पर ,फिर स्तन प्रदेश में, कुल्हे पर तथा जाँघों पर जमा होने लगती है !
फिर आपको लगता है की कम खा कर भी मोटा तो हो ही रहा हूँ , तो क्यों ना ???
फिर आप जरुरत से ज्यादा खाने लगते हैं ,जब चाहे तब खाने लगते हैं ! जीवन में ये चक्र चलता ही रहता है और आपका मोटापा वहीं का वहीं ! है ना ?
कुछ अनमोल सूत्र , अगर आप मोटापा वाकई में कम करना चाहते हैं तो —-
- खाना नियम से दोनों समय खाएं !
- खाना भूख से कम खाएं ! पेट के 2 भाग अन्न से भरें ,1 भाग पानी और 1 भाग हवा के लिए रखें ! कुकर को चावल से पूरा भर देंगे तो वो पकेंगे कैसे ?
- दिन भर ही ना खाते रहे !
- खाने के तुरंत बाद बहुत पानी ना पियें !
- खाते ही दिन में ना सोयें !
- योग ,व्यायाम ,टहलना ,परिश्रम भी करें !
- सबसे ख़ास अपने शरीर को आपातकाल जैसी परिस्थिति का सामना न कराएं जिससे की वो घबरा कर energy का जरुरत से ज्यादा संचय fat के रूप में शरीर में ना कर ले !