Rice Remedy: पूजा में इस्तेमाल होने वाली हर वस्तु का अपना अलग महत्व है। इसी तरह पूजन में अक्सर आप अक्षत या चावल का इस्तेमाल भी करते होंगे। पूजा के दौरान अक्षत का इस्तेमाल बहुत ही पवित्र माना गया है। इसके बिना पूजा-पाठ को पूर्ण नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पूजा के दौरान किसी भी वस्तु की कमी रहने पर अक्षत को उसकी स्थान चढ़ा दिया जाता है। लेकिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को छोड़कर बाकी सभी देवी-देवताओं को चावल या अक्षत अर्पित किए जाते हैं। चावल को केवल पूजा में ही नहीं बल्कि कई तरीकों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए जानें चावल से किए जाने वाले इन तरीकों के बारे में।
चावल के दानों के तरीका (Akshat Remedy)
– धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक पूजा में टूटे हुए चावलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अक्षत को पूर्णता का प्रतीक माना गया है। इसलिए खंडित चावल नहीं चढ़ाने चाहिए। अक्षत का मतलब होता है साबुत चावल। मान्यता है कि भगवान के समक्ष प्रतिदिन चावल के 5 दाने चढ़ाने से धन वृद्धि होती है।
– इसके साथ ही ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग (Shivling) पर चावल अर्पित करें। लेकिन इस दौरान इस बात का खास ख्याल रखें कि भगवान शिव को साफ और बिना टूटा चावल चढ़ाएं। कहते हैं कि भगवान शिव भक्तों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं।
– ग्रंथों के मुताबिक मां अन्नपूर्णा को घर में चावल की ढेर पर स्थापित करने से घर में कभी धन-वैभव की कमी नहीं रहती।
– अनाज में अक्षत को सबसे उत्तम माना गया है। इतना ही नहीं, चावल को देवताओं का अनाज भी बोला जाता है। अक्षत और कुमकुम को साथ मिलाकर भगवान को अर्पित करने से पूजा शीघ्र स्वीकार होती है और भगवान साधक को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
– पूजा को पूर्ण करने के लिए पूजा के दौरान अक्षत चढ़ाए जाते हैं। अनाज में चावल को श्रेष्ठ माना गया है और भगवान को चावल अर्पित करते समय मन में यही विचार आने चाहिए कि जो कुछ भी मिल रहा है वो भगवान की कृपा से ही संभव हुआ है।