वाशिंगटन शोधकर्ताओं के एक समूह के अनुसार, गर्भकालीन मधुमेह विकसित करने वाली गर्भवती स्त्रियों को बाद में जीवन में दिल संबंधी समस्याएं होने की आसार अधिक होती है. अध्ययन पत्रिका ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ था.
शोधकर्ताओं ने 219,330 स्त्रियों के दिल स्वास्थ्य को देखा, जिन्होंने 2006 और 2010 के बीच यूके बायोबैंक का उपयोग करके कम से कम एक बच्चा दिया था, एक डेटाबेस जिसमें अनुमानित 500,000 लोगों की स्वास्थ्य जानकारी शामिल थी. निष्कर्षों के अनुसार, 13,094 स्त्रियों (6.0 परसेंट ) को दिल संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और गर्भावधि मधुमेह के इतिहास वाली स्त्रियों में दिल संबंधी कई समस्याओं का खतरा अधिक था, जो आयु के साथ बिगड़ती गईं.
गर्भकालीन मधुमेह के इतिहास वाली स्त्रियों को विभिन्न प्रकार की दिल संबंधी स्थितियों के लिए जोखिम में वृद्धि हुई थी, जिसमें कोरोनरी धमनी रोग, दिल का दौरा, स्ट्रोक, परिधीय धमनी रोग, दिल की विफलता, माइट्रल रिगर्जेटेशन और फिब्रिलेशन शामिल थे, जो कि गुमराह चरों को नियंत्रित करने के बाद थे.