No one like Snoring but the treatment is available in Hindi – Jane Kharrate ka kya ilja hai – खर्राटे (snoring) एक सामान्य रोग है | जिसमे हमारे स्वास नाली में किसी प्रकार से रुकावट के कारण जब स्वांस लेने में तकलीफ होती है तो खर्राटे निकलते है | खर्राटें लेने की आदत बेहद ख़राब होती है, क्योंकी इससे दुसरे लोगो को भी परेशानियां उठानी पड़ती है | रात में लोग खर्राटें की आवाज से ठीक से सो नहीं पाते है | वैसे तो यह आम बात है परन्तु अगर लम्बे समय तक इसका अनदेखी करने से इसका परिणाम भयंकर भी हो सकते है |
खर्राटे निकलने के कारण (causes of snoring / Kharrate ke karan)
खर्राटे निकलना सोने के समय एक आम बात है , परन्तु लम्बे समय तक इस प्रकार के समस्या के होने से लोगो पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है | वैसे तो खर्राटे निकलने के कई कारण है परन्तु इनके मुख्या कारणों में हमारे गले की स्वांस नाली में संकुचन होना है | इसके अलावा – जैसे ;
- स्वांस नली की उपरी दीवाल जो हमारे नाक से जुड़े होते है | उसमें सिकुड़न होने से |
- हमारे सोने की तरीको से , लम्बे समय तक एक ही मुद्रा में सोने से |
- ठन्डे मौसम के कारण |
- ठंडी चीजो के सेवन करने से |
- धुम्रपान एवं अल्कोहल की अधिक मात्रा का सेवन से |
- किसी कारण वस अगर गले में संक्रमण के कारण गले में सुजन होने पर भी खर्राटे आते है |
खर्राटे से सम्बंधित समस्या से बचने के कुछ आसान उपाए / Few simple home remedies to get rid of Snoring
अपने सोने की तरीको को बदले (try to change your sleeping habit ); अगर आप को एक ही मुद्रा में सोने की अददत है तो ये आपको खर्राटें जैसी समस्याओ से ग्रसित कर सकती है | आप सोने के समय करवट बदल के सोने की प्रयास करे |
अपने नाक की साफ सफाई में ध्यान दे (keep your noise clean) ; खर्राटे जैसी समस्याओ का मुख्या कारण हमारे स्वांस नली में पड़ने वाली बाधा है, जो नाक में जमी धुल मिट्टियों के कारण भी हो सकती है अत हमें हमारे नाक को साफ रखना चाहिए |
धूम्रपन से परहेज (avoid smocking); धूम्रपन किसी भी शुरात में सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है | अत इसके परहेज करने से भी खर्राटे जैसी समस्या से बचा जा सकता है |
गर्म पानी (drink hot water) ; रोजाना सोने से पहले गर्म पानी पिए | इस्से गले की स्वांस नली खुलती है और खर्राटे नहीं आते है |
एक ग्लास गर्म पानी रोजाना सोने से पहले पिए |
गर्म पानी से गर्गिल (gargil with hot water) ; गर्म पानी से गर्गिल करने से गले में होने वाली सुजन से रहत मिलती है , जिससे भी खर्राटे होने से बचा जा सकता है |
- एक ग्लास गर्म पानी ले |
- 1 चम्मच नमक ले कर उस गर्म पानी में घोल दे |
- दिन में दो बार सुबह उठने के बाद एवं रात में सोने से पहले पानी से गर्गिल करे |
शहद (honey) ; शहद में कई प्रकार के medicinal गुण पाया जाता है| रोजाना शाहद के इस्तेमाल से गले में होने वाली तकलीफ दूर होती है |
- रोजाना 2 से 3 बार एक चम्मच शहद का सेवन करे |
- सोने से पहले एक चम्मच शहद जरुर ले |
लहसुन और सरसों के तेल से मालिस (garlic and mustard oil massage) ; लहसुन को सरसों के तेल बहुत हे लाभकारी है और वायरल fever में काफी काम आता है | लहसुन को सरसों के तेल को गर्म करके गले एवं छाती की मालिस करने से स्वांस लेने में होने वाली रुकावट दूर होती है |
- दो चार लह्सुन के दाने से छिलका निकल ले , फिर उसे हलके से कूच कर छोटे छोटे दाना में बदल दे |
- 4 या 5 चम्मच सरसों के तेल को किसी बर्तन में डाल ले फिर उसमे लहसुन के टुकडो को डाल कर लाल होने तक गर्म करे |
- रोजाना सोने से पहले उसके गर्म तेल से अपनी छाती एवं गर्दन की massage करे |
ठडे पानी या ठंडी चीजो से परहेज (avoid cold things) ; ठन्डे पानी के कारण या कोई भी ठंडी चीज जैसे सीतल पेय, कुल्फी, आइसक्रीम अदि का इस्तेमाल से हमारे गले में सिकुड़न होने लगता है, अत इन सब चीजो का सेवन कम कर दे