Neocov कोविड-19 वायरस का एक नया वेरिएंट है जो साउथ अफ्रीका में पाया गया है बुहान में किए गए रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अब तक चमगादड़ों में पाए जाने वाला यह neocov अब इंसानों में भी दिख सकता है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी संबंध में पूरी जानकारी देंगे. अल्फा से डेल्टा से ओमाइक्रोन तक, ग्रीक अक्षरों का एक गुच्छा हाल ही में आकस्मित हमारे जीवन में प्रवेश कर गया है. कोविड-19 का यह पहला केस 2019 के अंत में चाइना में रिपोर्ट किया गया और बाद में औपचारिक रूप से SARS-CoV-2 नाम दिया गया. कोविड -19 ने अब दो वर्ष के लिए दुनिया को बंधक बना लिया है. हम आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि NeoCoV कोरोनवायरस का एक नया संस्करण नहीं है जो कोविड -19 का कारण बनता है. NeoCoV की यह सारी चर्चा चीनी वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा जारी किए गए एक शोध में सामने आई है. जिनमें से कुछ वुहान यूनिवर्सिटी से हैं. कोविड-19 चीन, वुहान यह तीन नाम एक साथ ठीक नही है । और दहशत फैलने के लिए यह बहुत ज्यादा साबित हो सकता है .
क्या है NeoCov
NeoCoV एक शब्द है जिसका इस्तेमाल MERS-CoV से जुड़े एक वायरस प्रकार के संदर्भ में किया जा रहा है. MERS-CoV बड़े कोविड-19 वायरस परिवार से संबंधित है और सात ज्ञात कोविड-19 वायरस में से एक है जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है. MERS-CoV ने 2010 के दशक के दौरान सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण कोरिया में बड़े प्रकोप का कारण बना. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, MERS-CoV संक्रमण वाले लगभग 35 परसेंट रोगियों की मौत हो चुकी है.
रिसर्च का क्या है कहना
वुहान में वैज्ञानिकों के एक रिसर्च पेपर के अनुसार नियोकोव मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम या MERS- कोविड-19 वायरस से संबंधित है. पेपर को बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है और अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की गई है. दक्षिण अफ्रीका में एक चमगादड़ में खोजा गया यह वायरस केवल जानवरों के बीच फैलने के लिए जाना जाता था. लेकिन इस तरह का एक वेरिएंट 2012 से 2015 के दौरान मिडिल ईस्ट के राष्ट्रों में फैला था. इससे हुए संक्रमण के कारण कई लोगों की मृत्यु हो गई थी.