शरीर हमारा मंदिर है, जिसमें प्राण रूपी भगवान बैठे हुए हैं। मंदिर की सफाई रखना हमारा धर्म है। रोगी शरीर से कोई भी काम करना संभव नहीं। हमारे महात्माओं ने शरीर को निरोगी बनाने के लिए भजन-कीर्तन, ध्यान, योगासन और शरीर शोधन के लिए उपवास जरूरी बताया है। सोमवार, एकादशी, पूर्णमासी, नवरात्रि इत्यादि अवसरों पर उपवास शरीर शोधन और शरीर को निरोगी बनाने का सर्वोत्तम उपाय है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए उपवास, भोजन सुधार आदि नियम अवश्य अपनाएं। भजन-कीर्तन करें, ताली बजाएं और स्वस्थ रहें।
जीवन में सफलता का फल पाने हेतु स्वस्थ रहना आवश्यक है। प्राकृतिक चिकित्सा रोगों से मुक्ति पाने का सरल उपाय है। ताली बजाना भी रोगों से मुक्ति पाने का अच्छा साधन है। इससे खून में गर्मी पैदा होती है और बहुत से रोगों से मुक्ति मिलती है। सुबह खाली पेट अपनी शक्ति के अनुसार ताली बजाएं और धीरे-धीरे इसका समय बढ़ाते जाएं। भोजन भी सात्विक हो। सुबह उठकर तांबे के लोटे में रात का रखा पानी पीएं। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और भूख जोरों से लगती है। नींद अच्छी आती है तथा जीवन चिंतामुक्त हो जाता है।
लंबे समय तक ताली बजाने से शरीर में जमा हुआ कफ गुर्दे तथा पसीने के रास्ते बाहर निकल जाता है। केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अब प्राकृतिक चिकित्सा का बहुत प्रचार-प्रसार हो रहा है। भजन-कीर्तन में ताली बजाने का नियम हमारे संतों ने इसीलिए बनाया है कि रक्त की शुध्दि हो और शरीर निरोगी रह सके। दिल्ली के एक व्यक्ति पूर्ण रूप से अंधे हो गए थे किन्तु उनके गुरू ने उन्हें लंबे समय तक ताली बजाने का आशीर्वाद दिया था। 15 महीने तक वह रोजाना लंबे समय तक ताली बजाते रहे और वाकई चमत्कार हो गया। वह पूर्णत: ठीक हो गए अब भी वह ताली बजाते हैं और हर रोगी को निरोगी होने के लिए ताली बजाने की सलाह देते हैं।
1. ताली बजाने से आपको हृदय रोग और अस्थमा संबंधित समस्याओं से राहत पाने में बहुत मदद मिलती है।
2. हृदय, लिवर, फेफड़ों आदि से जुड़ी नसों के लिए यह बहुत मददगार साबित होता है। अगर आप ताली बजाते हैं तो नसों को बेहतर कार्य करने में मदद मिलती है।
3. इससे आप बेहतर और अधिक आराम महसूस करेंगे।
4. यह आपकी इम्युनिटी को बढ़ाता है क्योंकि यह आपके शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं को मजबूत करता है; ये किसी भी बीमारी से आपके शरीर की रक्षा करते हैं।
5. यह बच्चों में कौशल बढ़ाने और अकादमिक प्रदर्शन को सुधारने में मदद करता है।
6. ताली बजाने से रक्त संचरण बढ़ता है और नसों तथा धमनियों में से खराब कोलेस्ट्राल सहित सारे अवरोध हट जाते हैं।
7. अगर आप एक दिन में 1500 बार ताली बजाते हैं तो आप स्वस्थ रहेंगे।
8. हाथ से ताली बजाने से बच्चों का हस्त कौशल सुधरता है जिससे उनकी लिखावट साफ हो सकती है, वे बेहतर लिख सकते हैं और स्पेलिंग संबंधी त्रुटियाँ कम होती हैं।
9. हर रोज़ भोजन करने के बाद एक घंटे के लिए ताली बजाएं। इससे आप गर्मी महसूस करेंगे तथा आपके हाथों और पैरों पर पसीना भी आ सकता है।
10. अच्छे परिणाम पाने के लिए ताली बजाने से पहले हथेलियों पर नारियल या सरसों का तेल लगाना चाहिए ताकि यह शरीर में अवशोषित हो जाए।
11. हृदय रोग, उच्च रकतचाप, मधुमेह, डिप्रेशन, अस्थमा, ज़ुकाम, गठिया, सिरदर्द, अनिद्रा और बालों का झड़ना आदि बिमारियों का इलाज ताली बजाने से किया जा सकता है।