2.3K
सुबह-सुबह पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप
भोजन करें जमीन पर, अल्थी पल्थी मार
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार
सुबह-सुबह फल जूस लो, दुपहर लस्सी-छांस
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश
भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार
डाक्टर, ओझा, वैद्य की, लुट जाए बाजार