लंग्स यानी फेफड़े हमारे श्वसन तंत्र का एक जरूरी भाग हैं. फेफड़ों का कार्य हमारे द्वारा ली जाने वाली वायु को फिल्टर करना होता है, ताकि दूषित या हानिकारक कारण शरीर में प्रवेश ना करें. लेकिन गलत आदतों जैसे धूम्रपान करना, शराब पीना और फेफड़ों के लिए हानिकारक चीजों का सेवन करना आदि फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है. फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर समस्या है, जिसे बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. साथ ही इसका उपचार भी उतना सरल नहीं है. लेकिन इस रोग की गंभीरता को कम करने के लिए चिकित्सकीय उपचार के साथ-साथ कुछ आयुर्वेदिक ढंग भी अपनाए जा सकते हैं. तो आइए जानते हैं लंग कैंसर में लाभकारी घरेलू तरीकों के बारे में
1. त्रिफला का चूर्ण
त्रिफला के चूर्ण को आयुर्वेद में एक बहुत ही गुणकारी औषधि माना गया है. बहुत ही शारीरिक समस्याओं में राहत पाने के लिए त्रिफला का चूर्ण का इस्तेमाल किया जाता है. स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने के साथ-साथ त्रिफला के चूर्ण में कैंसर रोधी गुण भी उपस्थित होते हैं. सुबह-शाम पानी के साथ त्रिफला के चूर्ण का सेवन करने से कैंसर कोशिकाओं के विकास को घटाया जा सकता है. जिससे लंग कैंसर की गंभीरता को भी कम करने में सहायता मिलती है.
2. मुलेठी
मुलेठी का सेवन करने से वात, पित्त, कफ को शांत करने में सहायता मिलती है. साथ ही मुलेठी का सेवन आपको फेफड़ों तथा पेट के कैंसर से बचाने में भी प्रभावी साबित हो सकता है. इसके अलावा, जिन लोगों को लंग कैंसर होता है उन्हें मुलेठी का सेवन बहुत ज्यादा राहत पहुंचा सकता है. इसके लिए आप प्रातः काल मुलेठी के पानी का सेवन कर सकते हैं.
3. ग्रीन टी
वैसे तो आपने अक्सर फैट की चर्बी कम करने वाले लोगों को ग्रीन टी का सेवन करते हुए देखा होगा, परंतु लंग कैंसर में भी ग्रीन टी के फायदे देखे जा सकते हैं. लंग कैंसर होने पर एंटीऑक्सीडेंट युक्त ग्रीन टी का सेवन आपको राहत पहुंचा सकता है. इसके लिए आप पूरे दिन में 2 कप ग्रीन टी पी सकते हैं. यदि आपको इसका स्वाद पसंद नहीं है, तो शहद, नींबू अथवा इलायची डालकर फ्लेवर ऐड कर सकते हैं.