आप सभी जानते ही होंगे धार्मिक ग्रंथों में अमावस्या (Somvati amavasya) को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं. इनमे से एक है गरीब ब्राह्मण परिवार की कथा जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. बोला जाता है अमावस्या के दिन इस कथा को पढ़ने और सुनने से बड़े फायदा होते हैं. तो आइए जानते हैं इस कथा को.
अमावस्या की कथा – उनकी एक कन्या थी जो कि बहुत ही प्रतिभावान एवं सर्वगुण समापन थी. जब वह शादी के योग्य हो गई तो ब्राह्मण ने उसके लिए वर खोजना प्रारम्भ किया. कई योग्य वर मिले परंतु गरीबी के कारण शादी की बात नहीं बनती. एक दिन ब्राह्मण के घर एक साधु आए. कन्या के सेवाभाव देख साधु बहुत प्रसन्न हुए और दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया. ब्राह्मण के पूछने पर साधु ने कन्या के हाथ में शादी की रेखा न होने की बात कही. इसका तरीका पूछने पर साधु ने बताया कि पड़ोस के गांव में सोना नामक धोबिन (Sona Dhobin) का परिवार है. कन्या यदि उसकी सेवा करके उससे उसका सुहाग मांग ले तो उसका शादी संभव है.
साधु देवता की बात सुनकर कन्या ने धोबिन की सेवा करने का मन ही मन प्रण किया. उसके अगले दिन से कन्या रोज प्रातः काल उठकर धोबिन के घर का सारा कार्य कर आती थी. एक दिन धोबिन ने बहू से बोला कि तू कितनी अच्छी है कि घर का सारा कार्य कर लेती है. तब बहू ने बोला कि वह तो सोती ही रहती है. इस पर दोनों दंग हुई कि कौन सारा कार्य कर जाता है. दोनों अगले दिन प्रातः काल की प्रतीक्षा करने लगी. तभी उसने देखा कि एक कन्या आती है और सारा कार्य करने लगती है. तो धोबिन ने उसे रोक कर इसका कारण पूछा तो कन्या सोना धोबिन के पैरों पर गिर पड़ी और रो-रोकर अपना दुःख सुनाया. धोबिन उसकी बात सुनकर अपना सुहाग देने को तैयार हो गई. अगले दिन सोमवती अमावस्या का दिन था. सोना को पता था कि सुहाग देने पर उसके पति का देहांत हो जाएगा.
लेकिन उसने इसकी परवाह किए बगैर व्रत करके कन्या के घर गई और अपना सिंदूर कन्या की मांग में लगा दिया. उधर सोना धोबिन के पति का देहांत हो गया. लौटते समय रास्ते में पीपल के वृक्ष की पूजा अर्चना की तथा 108 बार परिक्रमा किया. घर लौटी तो देखा कि उसका पति जीवित हो गया है. उसने ईश्वर को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया. उसी के बाद से ऐसी मान्यता है कि अमावस्या को पीपल के वृक्ष (Pipal Tree) की पूजा करने से सुहाग की आयु लंबी होती है. केवल यही नहीं बल्कि इस कथा को पढ़ने से जहां शुभ फल मिलता है वहीं अपार धन-संपत्ति का भी आशीष मिलता है.