किडनी स्टोन यानी की गुर्दे की पथरी का दर्द असहनीय होता है। यह समस्या इतनी आम हो गई है कि इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह रोग पीड़ा देने के साथ-साथ और भी बहुत सारी परेशानियों को न्यौता देता है।
किडनी स्टोन हमारे ही गलत खान-पान का नतीजा है। पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैल्शियम का होना है जब नमक एवं अन्य खनिज (जो आपके मूत्र में मौजूद होते हैं) वे एक दूसरे के संपर्क में आते है तो पथरी का निर्माण होने लगता है, जिसे किडनी स्टोन कहा जाता है।
पथरी का आकार अलग-अलग हो सकता है। कुछ तो रेत के दानें की तरह बहुत छोटी तो कुछ मटर के दाने से भी बड़ी हो सकती है। वैसे तो छोटी पथरी को दवाइयों और देसी नुस्खों की मदद से मूत्र राही बाहर निकाला जाता है लेकिन आकार में बड़ी पथरी मूत्र द्वारा बाहर नहीं निकल पाती, जिससे कई बार मूत्र भी रुक जाता है जो काफी कष्टदायी होता है।
किडनी स्टोन के सामान्य लक्षण
-पीड़ा के अलावा अगर मूत्र में जलन हो तो यह भी किडनी स्टोन का लक्षण हो सकता है लेकिन पेशाब में जलन के और भी बहुत सारे कारण हो सकते हैं इसलिए डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाएं।
-भूख कम लगना, मूत्र में बदबू या खून के अंश होना या चक्कर आना भी इसके लक्षणों में ही आता है।
– मासिक धर्म के दौरान अगर महिला के पेट के निचले भाग में अक्सर दर्द रहता है तो यह भी गुर्दे की पथरी का ही संकेत हो सकता है।
*सबसे पहले करें परहेज
पथरी की तकलीफ होने पर कुछ चीजों का परहेज करना चाहिए। जिस व्यक्ति को पथरी की शिकायत है वह चुना न खाएं। बहुत सारे लोग पान में इसे डालकर खाते हैं।
बीजों वाले फल और सब्जियों जिसमें ऑक्जेलेट क्रिस्टल की मात्रा अधिक होती है उन्हें न खाएं बल्कि केला नारियल पानी, करेला, चना और गाजर का सेवन करें। यह पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकते हैं।
*पत्थर चट्ट से पथरी का इलाज
पत्थर चट्ट एक तरह का पौधा है जिसे हिंदी में पत्थरचट्टा, पाषाणभेद, पणफुट्टी, भष्मपथरी भी कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम “Bryophyllum pinnatum”है! यह स्वाद से खट्टा और नमकीन होता है।
सेवन की विधि: पत्थरचट्टा के 2-3 पत्तों को अच्छी तरह से पानी से धो लें और सुबह खाली पेट हल्के गर्म पानी के चबाकर खाएं। याद रखें कि इसका सेवन करने के 1 घंटे तक आपको कुछ खाना या पीना नहीं है और इसका सेवन खाली पेट ही करना है। एक सप्ताह के अंदर आपकी पथरी विघटित होकर आपके शरीर से बाहर निकल जाएगी।
*अन्य घरेलू उपाय
पथरी का दर्द इतना भयंकर होता है कि व्यक्ति जल्द से जल्द इससे छुटकारा पाना चाहता है हालांकि ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टरी चेकअप कराना बहुत जरूरी है लेकिन अगर आप इसके साथ कुछ घरेलू नुस्खे अपनाएंगे तो गुर्दे की पथरी से निजात पाने में यह मददगार साबित होंगे। अगर आप सही ढंग से इन घरेलू उपचारों का पालन करेंगे तो आपको इसका हैरान कर देने वाले परिणाम मिलेंगे।
-प्याज
प्याज में किडनी स्टोन के इलाज के औषधीय गुण पाए जाते हैं। पके प्याज का जूस कुछ इस तरह से पीएं। 2 माध्यम आकार के प्याज छील लें। एक ग्लास पानी डालें और दोनों प्याज को मध्यम आंच पर उसमें पका लें। जब वे अच्छी तरह से पक जाएं तो उन्हें ठंडा होने दें फिर उसे ब्लेंडर में अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें और बाद में प्याज का गुद्दा और रस छानकर अलग कर लें। 3 दिनों तक लगातार इस रस का सेवन करें। यह घरेलू उपाय राम बाण का काम करता है और दूसरे दिन से ही पथरी बाहर निकलनी शुरू हो जाती है।
-अंगूर का सेवन
किडनी स्टोन को दूर करने के लिए अंगूर काफी फायदेमंद होता है क्योंकि इनमें पोटेशियम, नमक और पानी भरपूर मात्रा तथा अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत हीं कम मात्रा में होते हैं, जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत हीं उत्तम माना जाता है।
– आंवला
मूली के साथ आंवले का चूर्ण खाने से गुर्दे की पथरी निकल जाती है। इसमें अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है, जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है।
– तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों में विटामिन बी पाया जाता है जो पथरी से निजात दिलाने में मदद करता है। यदि विटामिन बी-6 को विटामिन बी ग्रुप के अन्य विटामिंस के साथ सेवन किया जाए तो किडनी स्टोन के इलाज में मदद मिलती है। शोधकर्त्ताओं के अनुसार, 100 से 150 मिग्रा (विटामिन बी युक्त) की नियमित खुराक लेने से गुर्दे की पथरी से निजात मिलती है।
-काली मिर्च
काली मिर्च भी गुर्दे की पथरी से निजात दिलाती है, काली मिर्च का सेवन बेल पत्तर के साथ करने से दो सप्ताह में गुर्दे की पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।
– जीरा
जीरा और चीनी को समान मात्रा में लेकर पीस लीजिए, इस चूर्ण को एक-एक चम्मच ठंडे पानी के साथ रोज दिन में 3 बार लीजिए। इससे बहुत जल्दी पथरी से राहत मिलती है।