कीमो थेरेपी से 10 हज़ार गुणा अधिक प्रभावशाली रामफल
रामफल एक मध्य म श्रेणी का वृक्ष होता है। इसका तना अधिक मोटा नहीं होता। यह पर्याप्त काष्ठीय एवं भूरे वर्ण का होता है। इसकी शाखायें भी पतली एवं भूरे वर्ण की होती है। शाखाओ पर सीताफल की पतियों की भांति पते लगे होते है। रामफल का बाहरी आवरण चिकना होता है, बेल की तरह। बाकी पेड़, पत्ता और फल के अंदर का बीज लगभग एक जैसा होता है। पतों पर विन्यास आम की पतियों के समान होता है। पत्तियां सलंग किनारे वाली होती है। इसके पुष्प छोटे हरे-सफ़ेद तथा फल आलू के समान वर्ण वाले और गूदेदार होते है। इसका गुदा खट्टा मीठा और कषैला होता है। जब यह वृक्ष अपना पर्याप्त आकार ले लेता है, तब इसका छत्रक काफी सुन्दर दिखाई देता है और वृक्ष के नीचे काफी शीतलता रहती है।
समर्थकों का दावा है कि यह आम कीमोथेरेपी दवाओं की तुलना में पेट के कैंसर की कोशिकाओं को मारने में अधिक प्रभावी है, यह प्रोस्टेट, फेफड़े, स्तन, पेट और अग्नाशय के कैंसर को नष्ट तो करता ही है मगर यह स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। इस प्रकार से यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है।
The National Cancer Institute ने इस पौधे के पत्तों और स्टेमस (STEMS) का निरिक्षण किया, जिसमे उन्होंने पाया के यह पौधा कैंसर की घातक कोशिकाओं को नष्ट करने में बहुत सहायक है। मगर आश्चर्य इस बात का है के इस रिपोर्ट को कभी सार्वजानिक नहीं किया गया। और यह रिपोर्ट National Cancer Institute (NCI) की आंतरिक रिपोर्ट बन कर रह गयी।
सन 1976 से ही ग्राविओला (GRAVIOLA) रामफल पर अनेक अधिकारिक अध्ययन होने शुरू हो गए थे। ग्राविओला (GRAVIOLA) रामफल पर अनेकों शोध हुए, और उनमे यही पाया गया के यह पेड़ अनेकों प्रकार के कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में बहुत बहुत सहायक है।
दक्षिण कोरिया के कैथोलिक विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन में Graviola के बीज से निकाले गए रसायन स्तन और पेट के कैंसर की कोशिकाओं को मारने के लिए इस प्रकार प्रभावी थे जिस प्रकार कीमोथेरेपी में दी जाने वाली cytotoxicity और Adriamycin दवाएं काम करती है।
अध्ययनों में यह बात सबसे महत्वपूर्ण रही के ग्रविओला (GRAVIOLA) रामफल सामान्य, स्वस्थ कोशिकाओं को अछूता छोड़ केवल चुनिंदा कैंसर की कोशिकाओं को ही लक्षित करता है। जो के कैंसर के रोग में बेहद महत्वपूर्ण है. क्यूंकि कीमो जैसी थेरपी से अनेक स्वस्थ कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं. जिसका अधिकतर प्रभाव बालों की कोशिकाओं पर और पेट की कोशिकाओं पर अधिक पड़ता है।
Purdue University में हुए एक अन्य शोध में यह पाया के ग्रविओला (GRAVIOLA) रामफल वृक्ष में ऐसे अवयव हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकासक्रम को रोक देते हैं. ऐसे सेल्स जो कीमो थेरैपी के दौरान बच जाते हैं, यह उनको भी बढ़ने नहीं देता।
Purdue researchers ने अपने अध्ययन में यह भी पाया के ग्रविओला (GRAVIOLA) रामफल शरीर की छः की छः सेल्स लाइन्स तक कैंसर के सेल्स को खत्म कर देता है। Especially यह prostate और pancreatic सेल्स पर बहुत कारगार पाया गया।
और सबसे महत्वपूर्ण बात इन सब अध्ययनों में यह निकल कर आई है के अभी तक इस का कोई भी साइड effect किसी पर नहीं पाया गया. चाहे इसकी अधिक मात्रा ही दी गयी हो।
अभी आप हमसे ये जानना चाहेंगे के ये पेड़ कहाँ मिलेगा। तो साब ये पेड़ आपके इर्द गिर्द ही मिल जायेगा.. यह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और साउथ में अनेको जगह पर मिल जायेगा, यह फल सीताफल की तरह ही होता है। हमारा ध्येय आप तक सिर्फ जानकारी पहुँचाना है। और अगर आपके घर आँगन में पेड़ हो तो आप हमको सूचित कर दें ताकि ज़रुरतमंदों को सहायता की जा सके।