बवासीर या हैमरॉइड का दर्द बहुत ही भयंकर होता है। यह मलाशय के आस-पास नसों में स्वैलिंग होने की वजह से विकसित होती है। यह दो तरह की होती हैं एक तो खूनी, दूसरी बादी बवासीर। खूनी बवासीर ज्यादा तकलीफदेह होती है। खूनी बवासीर में मस्सो से खून गिरता है जबकि बादी में बवासीर में मस्से काले रंग के होते हैं लेकिन इसमें मलत्याग के समय सूजन, दर्द और खाज की समस्या होती है। इसके कारण गुदे में सूजन हो जाती है। अगर यह अंदरूनी है तो नसों की सूजन दिखती नहीं लेकिन तकलीफ महसूस होती है जबकि बाहरी बवासीर में सूजन गुदे के बिलकुल बाहर दिखती है।
*बवासीर के कारण
बवासीर होने का मुख्य कारण खाने-पीने की गलत आदतें और अनियमित उठना-बैठना और सोना है। काफी टाइम एक ही जगह पर बैठे रहना और बिना किसी शेड्यूल के कुछ भी खा लेना इसका प्रमुख कारण है। ज्यादा गर्म चीजें खाने से भी बवासीर की समस्या हो सकती है। कुछ घरेलू नुस्खों और आयुर्वेदिक औषधियों की मदद से बवासीर के दर्द से राहत पाई जा सकती है लेकिन यह उपाय डॉक्टरी सलाह लेकर ही करें। अगर पहले से ही कोई दवा खा रहे हैं तो इनका सेवन अच्छे चिकित्सक से पूछकर ही करें।
*घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार
– गर्म चीजों का ज्यादा सेवन करने से बवासीर ज्यादा बढ़ सकती है। ज्यादा से ज्यादा ठंडी तसील वाले और तरल पदार्थों का सेवन करें। सुबह खाली पेट मूली खाने से भी बवासीर खत्म हो जाती है।
-खूनी बवासीर से बचने के लिए नींबू को बीच में से काटकर उसमें 5 ग्राम कत्था पीसकर डाल दीजिए। नींबू के टुकड़ों को रात में छत पर खुला रख दीजिए। सुबह शौचालय जाने के बाद इन दोनों टुकड़ों को चूस लें। यह नुस्खा लगातार 5 दिन करें। बवासीर से राहत मिलेंगी।
– नारियल की जटा को जलाएं फिर भस्म में जो रेशे जलें नहीं हैं उसे छानकर भस्म को किसी शीशी में रख लें। इस भस्म (3 ग्राम) को छाछ के गिलास या दही की कटोरी के साथ खाली पेट खाएं। उसके बाद दोपहर खाना खाने के 2 घंटे बाद और रात को हल्का खाना खाने के 2 घंटे बाद लेना है। याद रहे कि इसका सेवन करने के लगभग 2 घंटे तक कुछ भी खाना नहीं है। दही और लस्सी ताजी ही बनाएं और हल्के नमक मसाले वाला भोजन करें।
– बवासीर में बड़ी इलायची बड़ी ही फायदेमंद होती है। 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर अच्छी तरह से भून लें। ठंडी होने के बाद इसे पीस लें और रोज सुबह इस चूर्ण को पानी के साथ खाली पेट लें।
-100 ग्राम किशमिश को रात भर पानी में भिगों दें। सुबह उसी पानी में किशमिश को अच्छी तरह से मैश कर लें। इस पानी का रोजाना सेवन करने से बवासीर ठीक हो जाएगी।
-सुबह-शाम मस्सों पर सरसों का तेल लगाएं। 4 – 5 दिन में ही मस्से सूखने लगेंगे, 10 दिन में ही बवासीर में काफी आराम मिलेगा। आप नीम के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
-केले को चीरकर उसके दो टुकड़े कर लें टुकड़ों के बीच गेंहू के दाने के बराबर कपूर डालकर रात को खुले आसमान में रख दें। सुबह को उस केले को शौच करने के बाद खालें। इस उपाय को लगातार एक हफ्ते तक करें।
-जामुन और आम की गुठली के अंदरूनी भाग को सुखाकर उसका चूर्ण बना लें। हल्के गर्म पानी या छाछ के साथ एक चम्मच चूर्ण का सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
-आंवले के चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ लेने से भी जल्दी ही फायदा होता है।
-15 ग्राम प्याज के रस में 15 ग्राम चीनी मिलाएं और 7 दिन लगातार सुबह-शाम इसका सेवन करें।
-करीब 2 लीटर मट्ठा लेकर उसमे 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा और थोडा नमक मिला दें। पानी की जगह यह छाछ पिएं या एक गिलास पानी में आधा चम्मच जीरा डाल कर पिएं।