घर के बने राजमा-चावल ज्यादातर लोगों का पसंदीदा भोजन होते हैं। खासतौर पर शाकाहारी लोग तो राजमा-चावल के दीवाने होते हैं। हालांकि राजमा-चावल खाने के बाद बहुत से लोगों को गैस बनने, पेट में भारीपन या ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की परेशानी महसूस होने लगती है। यदि आपके साथ भी ऐसी कोई परेशानी है तो हम आपके लिए डायटीशियन लवलीन कौर द्वारा बताई गई ऐसी ट्रिक लेकर आए हैं, जिसे ट्राई करने के बाद आपको ऐसी कोई परेशानी नहीं होगी।
डायटीशियन यानी आहार विज्ञ लवलीन कौर कहती हैं कि राजमा बनाने का पारंपरिक उपाय है कि इसे बनाने से पहले एक रात के लिए पानी में भिगोकर रखा जाता है। दरअसल यह केवल राजमा पकाने की विधि नहीं है बल्कि एक वैज्ञानिक उपाय है, जिसके जरिए राजमा में उपस्थित एसिडिक प्रॉपर्टीज को घटाया जाता है।
लवलीन कहती हैं कि रात को भिगोकर रखने से राजमा का एसिडिक कॉन्टेंट कम हो जाता है। राजमा में एसिडिक प्रॉपर्टीज बहुत हाई होती हैं, जिससे इसे खाने के बाद पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए राजमा को बनाने से पहले रातभर के लिए पानी में भिगोकर रख देना चाहिए।
डायटीशियन की स्पेशल ट्रिक
फिर इसी पानी के साथ राजमा को कम से कम 15 मिनट के लिए पकाएं। राजमा में तड़का लगाते समय तड़के में नमक ना डालें बल्कि जब तड़का पक जाए तब नमक डालें। इस तरह से नमक डालने पर भी आपको एसिडिटी और ब्लोटिंग की परेशानी नहीं होगी।
लवलीन कहती हैं कि राजमा को हमेशा पूरी तरह पकाकर ही खाना चाहिए। यदि ये कच्चे रह जाते हैं तो पेट में एसिडिटी या अन्य समस्याओं की वजह बन सकते हैं। इसलिए इन्हें ठीक ढंग से पकाकर खाना महत्वपूर्ण होता है, फिर चाहे आप राजमा चावल खाएं या फिर राजमा की चाट खाएं।