30 की उम्र के बाद शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। इस उम्र में कमजोर पाचन शक्ति, खून की कमी, जोड़ों में दर्द जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। आपने अक्सर बीमारी में ब्लड टेस्ट करवाया होगा, लेकिन क्या कभी स्वस्थ रहकर ब्लड टेस्ट करवाया है? अगर नहीं तो 30 की उम्र के बाद जरूर करवाएं। दरअसल 30 की उम्र के बाद कुछ ब्लड टेस्ट ऐसे हैं, जिनकी मदद से आप शरीर में पनपने वाली बीमारियों का पहले से पता लगा सकते हैं। इतना ही नहीं उस बीमारी का समय पर इलाज कर खुद को स्वस्थ भी रख सकते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट मालविका सहगल ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर ऐसे ही 14 ब्लड टेस्ट के बारे में बताया है, जिन्हें 30 की उम्र के बाद हर साल और सभी व्यक्तियों को करवाना चाहिए।
30 की उम्र के बाद जरूर करवाएं ये 14 ब्लड टेस्ट – Annual Blood Test After 30s in Hindi
1. हेमोग्राम टेस्ट- (Hemogram Test)
इस टेस्ट की मदद से एनीमिया, इंफेक्शन और अन्य ब्लड से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है। इसलिए 30 की उम्र के बाद नियमित रूप से इस टेस्ट को कराना महत्वपूर्ण होता है।
2. लिवर फंक्शन टेस्ट- (Liver Function Test)
लिवर फंक्शन ब्लड टेस्ट, लीवर की स्थितियों, जैसे शराब के सेवन से लीवर का डैमेज होना, हेपेटाइटिस सी और बी, फैटी लीवर की जांच के लिए हर साल कराना जरूरी होता है।
3. किडनी फंक्शन टेस्ट- (Kidney Function Test)
इसमें यूरिन और कई तरह के ब्लड टेस्ट होते हैं, जो किडनी के स्वास्थ्य और कार्यों की जांच करता है। यह किडनी से जुड़ी किसी भी समस्या का पता लगाने में मदद करता है।
4. ब्लड ग्लूकोज टेस्ट- (Blood Glucose Test)
प्री-डायबिटीज स्टेज या डायबिटीज से बचाव के लिए 30 की उम्र के बाद साल में एक बार ब्लड शुगर टेस्ट जरूर कराना चाहिए। इससे आपके डॉक्टर को यह समझने में मदद मिलती है कि आपको डायबिटीज होने का खतरा है या नहीं।
5. इंसुलिन टेस्ट- (Insulin Test)
इंसुलिन ब्लड टेस्ट की मदद से आपके शरीर में इंसुलिन की मात्रा की जांच की जाती है। इंसुलिन वो हार्मोन है, जो सेल्स को ग्लूकोज लेने देता है, जो शरीर की ऊर्जा का एक मुख्य स्रोत है। इसलिए ब्लड शुरग लेवल कंट्रोल में रखने के लिए शरीर में इंसुलिन की मात्रा की जांच समय-समय पर करना जरूरी है।
इसे भी पढ़ें: बच्चेदानी में सूजन का इलाज कैसे किया जाता है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर
6. थायराइड प्रोफाइल टेस्ट- (Thyroid Profile Test)
थायराइड का टेस्ट इस बात की जांच करने में मदद करता है कि, आपका थायराइड कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है, क्योकि थायराइड हार्मोन का स्तर चयापचय को प्रभावित करता है, जिसकेअसंतुलन से वजन बढ़ना और थकान होना जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
7. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट- (Lipid Profile)
इस टेस्ट में आपके ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा की जांच की जाती है। दिल से जुड़ी बीमारी और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए हर साल इस टेस्ट को कराना आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है।
8. विटामिन बी12 टेस्ट- (Vitamin B12 Test)
विटामिन बी12 आपके शरीर में रेड ब्लड सेल्स के निर्माण और सेल्स को बेहतर रखने में मदद करता है। विटामिन बी12 नर्व स्वास्थ्य में भी मदद करता है। इसलिए विटामिन बी12 ब्लड टेस्ट आपके रक्त में विटामिन बी12 की मात्रा की जांच करने के लिए जरूरी होता है।
9. विटामिन डी3 हाइड्रोक्सी 25 (Vitamin d3 hydroxy 25)
विटामिन डी3 हाइड्रोक्सी 25 हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। यह मांसपेशियों और नर्व को भी बेहतर तरह से काम करने में समर्थन करता है। 25-हाइड्रॉक्सी विटामिन डी टेस्ट के द्वारा शरीर में विटामिन डी के स्तर की जांच करता है।
10. सी-रिएक्टिव प्रोटीन- (C-Reactive Protein)
शरीर में इन्फ्लेमेशन का कारण इंफेक्शन, चोट या कोई पुरानी बीमारी हो सकती है। सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) टेस्ट इन्फ्लेमेशन की जांच करने में मदद करते हैं, जिससे इन्फ्लेमेशन के कारणों का पता लगाया जा सकें।
11. ग्लाइकोहेमोग्लोबिन टेस्ट- (HbA1c)
HbA1c एक सिंपल ब्लड टेस्ट है, जो डायबिटीज और प्रीडायबिटीज का पता लगाने में मदद कर सकता है।
12. सिरम यूरिक एसिड टेस्ट- (Serum Uric Acid)
सिरम यूरिक एसिड ब्लड टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि, आपके ब्लड में कितना यूरिक एसिड मौजूद है।
13. आयरन स्टडी टेस्ट- (Iron Studies)
आयरन स्टडी टेस्ट से पता चलता है कि आपको एनीमिया की समस्या है या नहीं। इतना ही नहीं यह टेस्ट रेड ब्लड सेल्स में किसी भी तरह की समस्या का पता लगाने में भी मदद करता है।
14. एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट- (Erythrocyte Sedimentation Rates)
एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट (ESR) टेस्ट एक रक्त परीक्षण है, जो शरीर में सूजन की जांच करने में मदद कर सकता है। सूजन संबंधित समस्याएं, गठिया और ल्यूपस का इलाज करने के लिए डॉक्टर ईएसआर टेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, पुरानी चोटों का दर्द जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए 30 की उम्र के बाद आप साल में 1 बार ये ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं। इन टेस्ट की मदद से आपको स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी मिल सकेगी और किसी बीमारी के बढ़ने से पहले ही आप समय पर उसे कंट्रोल कर पाएं।
Image Credit: Freepik