बहुत से लोगों ने मुंह में सूखापन तो जरूर महसूस किया होगा और ज़्यादातर यह रात में सोते समय ही होता है। बुजुर्ग लोगों को ये कठिनाई बहुत अधिक महसूस होती है, क्योकि बढ़ती आयु के साथ यह परेशानी भी बढ़ती रहती है जिसका कारण है कि ज़्यादा आयु हो जाने पर मुंह में सलाइवा बनना कम होने लगता है और मुंह में सूखेपन का सबसे बड़ा कारण मुंह में पर्याप्त सलाइवा न बनना ही माना जाता है। वैसे आजकल छोटी आयु के बच्चों को भी यह कठिनाई सताने लगी है, क्योंकि केवल सलाइवा के कारण ही नहीं बल्कि कई और वजह हैं जैसे दवाइयों का साइड इफेक्ट्स होना, मुंह से सांस लेना, कैफीन का सेवन करना, आदि।
आजकल तो दवाइयों का सेवन सभी लोग करते है, और युवा ज़्यादातर कैफीन का सेवन करते है जिससे वो तरो तजा रह पाएं, लेकिन यही चीजें बाद में जा कर मुंह में सूखेपन की वजह बन जाती हैं। जब भी कोई आदमी यह महसूस करता है तो उसे लगता है कि यह तो हल्की सी वस्तु है, लेकिन कभी-कभी इन छोटी से छोटी परेशानियों को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। समय रहते उन पर ध्यान देना ही स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। कई लोगों को तो इसकी वजह भी नहीं मालूम होती है कि उन्हें यह कठिनाई क्यों हो रही और किस तरह से उसे दूर किया जा सकता है। तो जानते हैं मुंह में सूखापन होने के कारण और किस तरह से उससे बचा जा सकता है।
1- मुंह से सांस लेना बंद करें- कई बार रात में सोते वक़्त लोगों का मुंह अपने आप खुल जाता है, जिसके कारण फिर वह नाक के बजाय मुंह से सांस लेना प्रारम्भ कर देते हैं। इतना ही नहीं बल्कि जब सर्दी या खासी हो तब नाक पूरी तरह से जाम हो जाती है और उस वक़्त भी लोग मुंह से सांस लेना चालू कर देते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं करना चाहिए क्योकि मुंह से सांस लेने के कारण भी मुंह में सूखापन का कठिनाई हो सकती है। इसलिए जब भी ऐसा हो इस कठिनाई को दूर करें ताकि मुंह सूखे नहीं।
2- अधिक से अधिक मात्रा में पानी पिएं- शरीर में कम पानी होने के कारण भी मुंह सूखने लगता है, इसलिए एक दिन में कम से कम 10 गिलास पानी तो हर आदमी को पीना ही चाहिए। शरीर को हाइड्रेटेड रखने से मुंह के सूखेपन की कठिनाई दूर रहेगी।
4- अल्कोहल से दूरी बनाएं- अलकोहल का सेवन करने से मुंह सूखने की कठिनाई और भी बढ़ जाती है, इसलिए अल्कोहल से जितना हो सके दूर रहे।