आजकल लोग औनलाइन शॉपिंग करना अधिक पसंद करते हैं। हालांकि औनलाइन शॉपिंग करते समय आपको बहुत ज्यादा अलर्ट रहने की आवश्यकता है। आजकल औनलाइन शॉपिंग में फर्जीवाड़ा के मुद्दे बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन ऐसी खबरें आती रहती हैं जब मंगाया कुछ था और डिलीवर कुछ और हुआ। कई बार औनलाइन शॉपिंग करते समय फोटो में जो वस्तु पसंद आती है डिलीवरी उससे बिल्कुल अलग प्रोडक्ट की होती है। ऐसे में जब आप कस्टमर केयर को फोन करते हैं तो न फोन लगता है और न ईमेल के जरिए कोई उत्तर आता है। इसलिए यदि आप भी औनलाइन शॉपिंग में नकली प्रोडक्ट खरीदने से बचना चाहते हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
1- ठीक वेबसाइट से करें शॉपिंग- कई बार फ्रॉड वेबसाइट ऑरिजिनल प्रोडक्ट शो करती हैं लेकिन डिलीवर नकली प्रोडक्ट करती हैं। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण है कि आप पॉपुलर वेबसाइट जैसे एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा या दूसरी बड़ी वेबसाइट से ही शॉपिंग करें। ये सारी वेबसाइट मल्टी ब्रांड हैं जहां आपको सारा सामान मिलेगा। आप चाहें तो किसी प्रोडक्ट की अपनी वेबसाइट से भी शॉपिंग कर सकते हैं
2- रिटर्न पॉलिसी जरूर चेक करें- फ्रॉड प्रोडक्ट बेचने वाली वेबसाइट की रिटर्न पॉलिसी ठीक नहीं होती और वो डिलीवरी के बाद रिटर्न करने में आनाकानी करते हैं। जबकि वास्तविक वेबसाइट पर रिटर्न पॉलिसी होती है जिसके अनुसार आपको प्रोडक्ट यदि पसंद ना आये या नकली लगे तो रिटर्न कर सकते हैं।
3- औनलाइन रिव्यू और फीडबैक देखें- अगर किसी वेबसाइट से आप पहली बार शॉपिंग कर रहे हैं तो औनलाइन उसके रिव्यू जरूर चेक करें। ज्यादातर फ्रॉड प्रोडक्ट बेचने वाली वेबसाइट के औनलाइन रिव्यू बहुत गड़बड़ होते हैं और उनके नकली प्रोडक्ट के बारे लोगों ने फीडबैक दे रखा होता है। साथ ही औनलाइन खरीददारी करते समय हमेशा चेक करना चाहिए कि जहां से प्रोडक्ट को खरीद कर रहे हैं उसका फिजिकल एड्रेस, ईमेल, फोन नंबर और कॉन्टैक्ट डिटेल होना चाहिये।
4- स्मार्ट कंज्यूमर ऐप की हेल्प लें- खाने-पीने के नकली प्रोडक्ट की पहचान के लिए फूड रेगुलेटर FSSAI के स्मार्ट कंज्यूमर ऐप की हेल्प ले सकते हैं। इस ऐप से QR code स्कैन करके QR नंबर रजिस्टर करना होगा। इसके बाद प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग डिटेल हासिल हो जाएगी। इस तरह प्रोडक्ट के वास्तविक और नकली होने की पहचान की जा सकेगी। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक और FMCG कंपनी नकली प्रोडक्ट से बचाव के लिए QR कोड और होलोग्राम बनाती हैं, जिसके जरिए वास्तविक नकली की पहचान हो सकती है।
5- कंज्यूमर न्यायालय की सहायता लें- अगर आपके पास नकली प्रोडक्ट आ गया है और कंपनी उसको रिटर्न नहीं कर रही तो आप कंज्यूमर न्यायालय जा सकते हैं। ग्राहकों के साथ होने वाले फ्रॉड को बचाने के लिये कंज्यूमर न्यायालय है। ऐसे में आप औनलाइन ठगी होने पर कंज्यूमर न्यायालय में केस डाल सकते हैं।