वेजाइना या योनि एक महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का महत्वपूर्ण अंग है. यह यौन अंगों को उस गर्भ से जोड़ता है, जिसमें बच्चा बढ़ता है. आमतौर पर यदि योनि में कोई भी परेशानी हो, तो महिला को बच्चा पैदा करने में बहुत मुश्किल होती है लेकिन क्या हो, जब महिला की योनि ही ना हो. आपको जानकर हैरत होगी कि कुछ महिलाएं वास्तव में बिना योनि या गर्भाशय के पैदा होती हैं. इस स्थिति को मेयर रोकितांस्की-कुस्टर-हॉसर सिंड्रोम या एमआरकेएच (MRKH) सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है. इसे योनि एजनेसेस के रूप में भी जानते हैं. MRKH एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक युवा महिला योनि के बिना पैदा होती है या फिर उसकी योनि अविकसित होती है. इस स्थिति वाली स्त्रियों में सामान्य रूप से बढ़ा हुआ जननांग होता है, जिसमें 1 से 3 सेंटीमीटर की वेजाइना खुली रहती है जिसे, योनि डिंपल कहते हैं. बता दें कि यहां इनके अंडाशय सामान्य रूप से कार्य करते हैं और यह आंतरिक जननांग है, जिसमें आमतौर पर कोई योनि नहीं होती. इस सिंड्रोम से पीडि़त कई स्त्रियों में जननांग विकृतियां होती हैं. जिनके बारे में उन्हें केवल तब ही पता चलता है, जब उन्हें मासिक धर्म नहीं आता. तो आइए आज हम एमआरकेएच MRKH सिंड्रोम , इसके लक्षण और इस स्थिति का उपचार करने के उपायों के बारे में जानते हैं.
Mayer-Rokitansky-Küster-Hauser (MRKH) 4500 स्त्रियों में से किसी एक को प्रभावित करता है. इसका वर्णन पहली बार 1829 में किया गया था. इस सिंड्रोम में महिला बिना योनि के पैदा होती है.
वेजाइना या योनि एक महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का महत्वपूर्ण अंग है. यह यौन अंगों को उस गर्भ से जोड़ता है, जिसमें बच्चा बढ़ता है. आमतौर पर यदि योनि में कोई भी परेशानी हो, तो महिला को बच्चा पैदा करने में बहुत मुश्किल होती है लेकिन क्या हो, जब महिला की योनि ही ना हो. आपको जानकर हैरत होगी कि कुछ महिलाएं वास्तव में बिना योनि या गर्भाशय के पैदा होती हैं. इस स्थिति को मेयर रोकितांस्की-कुस्टर-हॉसर सिंड्रोम या एमआरकेएच (MRKH) सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है.
इसे योनि एजनेसेस के रूप में भी जानते हैं. MRKH एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक युवा महिला योनि के बिना पैदा होती है या फिर उसकी योनि अविकसित होती है. इस स्थिति वाली स्त्रियों में सामान्य रूप से बढ़ा हुआ जननांग होता है, जिसमें 1 से 3 सेंटीमीटर की वेजाइना खुली रहती है जिसे, योनि डिंपल कहते हैं. बता दें कि यहां इनके अंडाशय सामान्य रूप से कार्य करते हैं और यह आंतरिक जननांग है, जिसमें आमतौर पर कोई योनि नहीं होती.
इस सिंड्रोम से पीडि़त कई स्त्रियों में जननांग विकृतियां होती हैं. जिनके बारे में उन्हें केवल तब ही पता चलता है, जब उन्हें मासिक धर्म नहीं आता. तो आइए आज हम एमआरकेएच MRKH सिंड्रोम , इसके लक्षण और इस स्थिति का उपचार करने के उपायों के बारे में जानते हैं.
पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है ये सिंड्रोम
MRKH के कुछ दुलर्भ मामलों में कुछ स्त्रियों का हृदय, गुर्दे या मूत्र पथ ठीक से विकसित नहीं होता. यह अनुमान लगाया गया है कि MRKH सिंड्रोम एक डिसऑर्डर है, जो परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है ।
कितने प्रकार का होता है MRKH सिंड्रोम?
एमआरकेएच सिंड्रोम दो प्रकार का होता है. टाइप 1 एमआरकेएच और टाइप 2 एमआरकेएच.
टाइप- 1- MRKH –
टाइप 1 एमआरकेएच सिंड्रोम का सबसे मशहूर प्रकार है, जिसे रोकितांस्की सीक्वेंस के रूप में भी जाना जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है, जहां एक महिला के पास आमतौर पर ठीक से कार्य करने वाली फैलोपियन ट्यूब के साथ योनि या गर्भाशय होता है.
MRKH टाइप- 2-
यह स्थिति केवल योनि और गर्भाशयों की समस्याओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि गुर्दे, मूत्र पथ और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम और अंगों को प्रभावित करती है.
MRKH सिंड्रोम के लक्षण-
योनि की गहराई में कमी असामान्य गुर्दे यूरीनरी ट्रैक्ट से जुड़ी समस्याएं होना स्केलेटन से जुड़ी असामान्यताएं
MRKH सिंड्रोम का इलाज
यह कई लोगों के लिए एक आश्चर्य की बात हो सकती है, लेकिन हैरत की बात है कि कैसे एक महिला वैजाइनल कैविटी के पैदा हो सकती है. हालांकि अच्छी समाचार यह है कि अविकसित योनि की इस स्थिति का वास्तव में उपचार किया जा सकता है. इस स्थिति का उपचार वैजिनोप्लास्टी सर्जरी की सहायता से किया जा सकता है. यह टेकनीक योनि को पेरिटोनिसल फ्लैप से ढंकती है. इस टेकनीक का इस्तेमाल करके सामान्य यौन क्रिया के लिए एक नयी योनि बनाई जाती है. ताकि इस सिंड्रोम से पीडि़त स्त्रियों को आईवीएफ या सेरोगेसी के जरिए अपना स्वयं का बच्चा पैदा हो सके.
एक यूटेरिन ट्रांसप्लांट में एमआरकेएच सिंड्रोम वाली महिला को गर्भवती करने की क्षमता होती है. हालांकि, एक यूटेरिन ट्रांसप्लांट कुछ समय के लिए व्यापक रूप से मौजूद नहीं है, इसलिए एमआरकेएच सिंड्रोम वाली स्त्रियों को इस समय एक विकल्प के तौर पर इन पर भरोसा नहीं करना चाहिए.