न्यूयॉर्क में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कोविड -19 मरीजों के रक्त में पाए जाने वाले एंटीबॉडी में कोशिकाओं के थक्के प्रतिरोध को खोने की क्षमता होती है.
मिशिगन यूनिवर्सिटी की एक टीम ने पाया कि ल्यूपस और एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम जैसे ऑटोइम्यून विकारों वाले मरीजों में एंटीफॉस्फोलिपिड ऑटोएंटिबॉडी का स्तर अपेक्षा से अधिक था, जो धमनियों और नसों में रक्त के थक्कों का कारण बन सकता है.
एंटीबॉडी का उपयोग आमतौर पर संक्रमण को बेअसर करने में शरीर की सहायता के लिए किया जाता है. स्वप्रतिपिंड प्रतिरक्षा प्रणाली के एंटीबॉडी हैं जो गलती से लक्ष्य बनाते हैं और कभी-कभी शरीर के अपने सिस्टम और अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं.
अनुसंधान समूह ने 2020 में पता लगाया कि सक्रिय कोविड -19 संक्रमण वाले मरीजों के स्वप्रतिपिंडों के कारण चूहों में “थक्का जमाने की मात्रा” होती है. टीम ने नए शोध के लिए कोविड -19 के साथ हॉस्पिटल में भर्ती लगभग 250 मरीजों के रक्त के नमूनों की जाँच की. वैज्ञानिकों ने पाया कि स्वप्रतिपिंड एंडोथेलियल कोशिकाओं पर दबाव डालते हैं जो रक्त वाहिकाओं के अंदर की रेखा बनाते हैं, जिससे रक्त के थक्कों को बनने से रोकने की उनकी क्षमता कम हो जाती है. रिज़ल्ट गठिया और रुमेटोलॉजी में जारी किए जाते हैं.