कोलेस्ट्रॉल को लिपिड या ब्लड फैट के रूप में भी जाना जाता है. कोलेस्ट्रॉल ब्लड में पाया जाने वाला एक तरह का मोम जैसा पदार्थ है, जो सेल मेंब्रेन के निर्माण में सहायता करता है. कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है-अच्छा और बुरा, जिसे एलडीएल और एचडीएल नाम से भी जानते हैं. स्वस्थ ऊतकों के निर्माण और रखरखाव के लिए आपके शरीर को अच्छे कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल की बढ़ती मात्रा से फैट जमा हो जाता है, जो ब्लड फ्लो और दिल रोग के खतरे को बढ़ाता है. इसलिए दिल रोग के कम जोखिम के लिए दोनों के बीच संतुलन बनाना बहुत महत्वपूर्ण है. जानकार कहते हैं कि कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से धमनियों में प्लाक का निर्माण होता है, जिससे स्ट्रोक, दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट के खतरे की आसार बढ़ जाती है. वे हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए गड़बड़ आहार, शराब का अधिक सेवन, धूम्रपान और अभ्यास की कमी को उत्तरदायी ठहराते हैं. उनके अनुसार, यदि आप अपने आहार में थोड़ा परिवर्तन करें, तो जोखिम को कम करने में सहायता मिल सकती है. यहां हम आपको पांच तरह के ऑयल के बारे में बता रहे हैं, जो आपके गड़बड़ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं. यदि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की कम्पलेन रहती है , तो आपको इनसे बचना चाहिए.
कोलेस्ट्रॉल को लिपिड या ब्लड फैट के रूप में भी जाना जाता है. कोलेस्ट्रॉल ब्लड में पाया जाने वाला एक तरह का मोम जैसा पदार्थ है, जो सेल मेंब्रेन के निर्माण में सहायता करता है. कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है-अच्छा और बुरा, जिसे एलडीएल और एचडीएल नाम से भी जानते हैं. स्वस्थ ऊतकों के निर्माण और रखरखाव के लिए आपके शरीर को अच्छे कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल की बढ़ती मात्रा से फैट जमा हो जाता है, जो ब्लड फ्लो और दिल रोग के खतरे को बढ़ाता है. इसलिए दिल रोग के कम जोखिम के लिए दोनों के बीच संतुलन बनाना बहुत महत्वपूर्ण है.
जानकार कहते हैं कि कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से धमनियों में प्लाक का निर्माण होता है, जिससे स्ट्रोक, दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट के खतरे की आसार बढ़ जाती है. वे हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए गड़बड़ आहार, शराब का अधिक सेवन, धूम्रपान और अभ्यास की कमी को उत्तरदायी ठहराते हैं. उनके अनुसार, यदि आप अपने आहार में थोड़ा परिवर्तन करें, तो जोखिम को कम करने में सहायता मिल सकती है. यहां हम आपको पांच तरह के ऑयल के बारे में बता रहे हैं, जो आपके गड़बड़ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं. यदि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की कम्पलेन रहती है , तो आपको इनसे बचना चाहिए.
फैट कैसे कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को प्रभावित करते हैं
कोलेस्ट्रॉल के जाखिम को प्रभावित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है फैट. फैट भी कोलेस्ट्रॉल की तरह अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के होते हैं. सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड । सैचुरेटेड फैट दिल के लिए नुकसानदायक है. जबकि अनसैचुरेटेड फैट एक स्वस्थ दिल और बेहतर बॉडी मास इंडेक्स से जुड़े होते हैं. ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने के लिए पहला कदम खाना पकाने के ऑयल की ठीक वैरायटी को चुनना है.
खाना पकाने के लिए कभी न करें इन तेलों का सेवन
हावर्ड हेल्थ ने बताया है कि हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों को नारियल का तेल, सॉल्टेड बटर, आइसक्रीम, रेड मीट से परहेज करना चाहिए. इसके अतिरिक्त अखरोट के तेल, फ्लैक्स ऑयल, मछली और शैवाल के ऑयल में भी सैचुरेटेड फैट बहुत अच्छी मात्रा में होता है. इसलिए हाई कोलेस्ट्रॉल की परेशानी से जूझ रहे लोगों को इन तेलों का सेवन करने से बचना चाहिए.
पाम का ऑयल है नुकसानदायक
द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकशित एक शोध के अनुसार, पाम ऑयल कोलेस्ट्रॉल के लिए सबसे गड़बड़ तेलों में से एक है । इसमें सैचुरेटेड फैट की अधिक उपस्थिति, बैड लिपिड या है. कई अध्ययनों में भी बताया है कि पाम का ऑयल ब्लड लिपिड को बुरी तरह से प्रभावित करता है.
300 ग्राम से अधिक कोलेस्ट्रॉल का सेवन न करें
जानकारों के मुताबिक यदि आप स्वस्थ हैं, तो आपको प्रत्येक दिन 300 ग्राम से अधिक कोलेस्ट्रॉल का सेवन नहीं करना चाहिए. यदि आपको कोरोनरी
हार्ट डिसीज है या आपके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 100 mg/DL से अधिक है, तो अपने कोलेस्ट्रॉल का सेवन एक दिन में 200 मिग्रा से कम तक सीमित करें.
तो कोलेस्ट्रॉल बीमार के लिए कौन सा ऑयल अच्छा है
हाई कोलेस्ट्रॉल का सामना कर रहे लोगों के लिए पाम तेल और बटर तेल बहुत नुकसानदायक है. इसकी स्थान वे खाना पकाने के लिए अलसी, सरसों और सूरजमुखी के ऑयल का उपयोग कर सकते हैं.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, 20 साल से अधिक आयु के लोगों को हर वर्ष अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल की जाँच करवानी चाहिए और नियमित रूप से इस पर नजर बनाए रखनी चाहिए.