स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है, जब मास्तिष्क के किसी हिस्से में ब्लड और ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है और मास्तिष्क की कोशिकाओं के आसपास की स्थान पर खून भर जाता है. ऐसा खून के थक्के या हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल के कारण धमनियों में रूकावट के कारण होता है. मास्तिष्क में ब्लड फ्लो में कमी मास्तिष्क के भीतर के ऊतकों को नुकसान पहुंचाती है. स्ट्रोक होने पर अक्सर हाथ-पैरों में सुन्नता, दूसरे को बोलने या समझने में कठिनाई होना, आकस्मित व्यवहार का बदल जाना , सिर चकराना जैसे कई लक्षण दिखाई देते हैं. वैसे स्ट्रोक के लिए और भी कई कारण उत्तरदायी हो सकते हैं. लेकिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जानकारों का मानना है कि नहाने की एक साधारण सी आदत को अपनाने से स्ट्रोक जैसे गंभीर खतरे से बचा जा सकता है. यह आदत बहुत आसान है और इसे अपनाने के लिए आपको किसी खास उपकरण की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी.
स्ट्रोक के लिए कई कारणों को उत्तरदायी माना जाता है, लेकिन हावर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रतिदिन नहाने की एक साधारण आदत स्ट्रोक के जेखिम को कम कर सकती है.
स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है, जब मास्तिष्क के किसी हिस्से में ब्लड और ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है और मास्तिष्क की कोशिकाओं के आसपास की स्थान पर खून भर जाता है. ऐसा खून के थक्के या हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल के कारण धमनियों में रूकावट के कारण होता है. मास्तिष्क में ब्लड फ्लो में कमी मास्तिष्क के भीतर के ऊतकों को नुकसान पहुंचाती है.
स्ट्रोक होने पर अक्सर हाथ-पैरों में सुन्नता, दूसरे को बोलने या समझने में कठिनाई होना, आकस्मित व्यवहार का बदल जाना , सिर चकराना जैसे कई लक्षण दिखाई देते हैं. वैसे स्ट्रोक के लिए और भी कई कारण उत्तरदायी हो सकते हैं. लेकिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जानकारों का मानना है कि नहाने की एक साधारण सी आदत को अपनाने से स्ट्रोक जैसे गंभीर खतरे से बचा जा सकता है. यह आदत बहुत आसान है और इसे अपनाने के लिए आपको किसी खास उपकरण की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी.
गर्म पानी से नहाएं तो दिल करेगा ठीक काम
हर दिन नहाने से कम हो जाता है स्ट्रोक का रिस्क
के अनुसार, जो लोग प्रत्येक दिन नहाते थे, उनमें हदय रोग का जोखिम 28 फीसदी कम देखने को मिला. स्टडी में यह भी पता चला कि प्रत्येक दिन नहाने से स्ट्रोक का रिस्क 26 फीसदी तक कम हो जाता है. बता दें कि यह स्टडी 30 हजार लोगों पर की गई थी.
हाने से स्ट्रोक का जोखिम कैसे प्रभावित होता है
हार्वर्ड रिसर्चर्स
ने अपने स्टडी में सौना या फिर होता है इसका पता लगाया. इससे पहले स्टडीज ने ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए हफ्ते में 4 से 7 बार नहाने के उपयोग को शामिल किया था. 2018 में फिन्निश सौना यूजर्स पर हुई स्टडी में लेखकों ने पाया कि नहाने से ब्लड वेसेल्स ठीक से कार्य करने लगे, सूजन में कमी आई और बैड कोलेस्टॉल हेल्दी कोलेस्ट्रॉल में बदल गया. जानकार कहते हैं कि नहाना सभी के लिए महत्वपूर्ण है. लेकिन, ये महत्वपूर्ण नहीं कि सभी को इसके एक जैसे फायदा मिलें.
किन लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है यह आदत
सीने में दर्द से ग्रसित लोगों, दिल की परेशानी वाले लोगों और अनकंट्रोल्ड ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए इस आदत को अपनाना रिस्की है. जानकारों ने 70 और इससे अधिक आयु के लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है.
नहाने से स्ट्रोक का रिस्क कैसे कम होता है
कुल मिलाकर किसी आदमी के स्ट्रोक जोखिम
पर नहाने का सकारात्मक असर पड़ता है. यदि इस स्थिति को अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो किसी आदमी के लिए यह खतरनाक हो सकता है. इससे मुंह का एक तरफ लटक जाना दोनों हाथ उठाने में परेशानी होना और अस्पष्ट रूप से बोलने और समझने की क्षमता कम हो जाने जैसे लक्षण के विकसित होने की आसार बढ़ जाती है.