भारत रत्न लता मंगेशकर हमारे भारत की सबसे लोकप्रिये और आदरणीय गायिका थी। लता मंगेशकर जी ने तीस भाषाओं में फ़िल्मी और गैर -फ़िल्मी गाने गाये है।
कल सरस्वती पूजा थी। और आज एक माँ विदा हो गई। ऐसे लगता है कि सरस्वती माँ अपनी प्रिये पुत्री को ले जाने आई थी। जीवन का अंत केवल शोक का विषय नहीं होता। जीवन का अंत जीवन की पूर्णता होती है। लता मंगेशकर जी का जीवन जितना सुन्दर रहा है। उनके जीवन का अंत उतना ही सुन्दर रहा है।
93 वर्ष का इतना सुन्दर और धार्मिक जीवन किसी ख़ास व्यक्ति को ही प्राप्त होता है। उनकी आवाज सुनते ही आँखो में आसूं आ जाते है। लता जी आज भी अकेली है,उन्होंने अपना सारा जीवन संगीत को समर्पित कर रखा है। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर एक कुशल रंगमंचीय गायक थे। पिता दीनानाथ जी ने लता जी को जब संगीत सिखाना शुरू किया ,तब वह केवल पाँच साल की थी।
संघष :- सफलता की राह कभी आसान नहीं होती। उनके पिता ने अपने अंतिम समय में घर की सारी जिम्मेदारी उनके हाथो में थमाई थी। तब लता जी की उम्र केवल 13 वर्ष थी। लता जी को अपना स्थान बनाने के लिए बहुत सारी कठनाईयो का सामना करना पड़ा। धीरे-धीरे आपको अपनी लगन और प्रतिभा के बल पर आपको काम मिलने लगा। लता जी की अद्भुत कामयाबी ने लता जी को फ़िल्मी जगत की सबसे मजबूत महिला बना दिया। लता जी गाना गाते समय अपने पैरो में चप्पल नहीं पहनती थी। वह इसलिए क्युकि संगीत उनके लिए ईश्वर की पूजा करने जैसा था।
करियर :-कितना अद्भुत संयोग है कि अपने लगभग 70 वर्ष के गायन करियर में लगभग 36भाषाओ में हर रस/भाव के 50 हजार से भी अधिक गीत गाने वाली लता जी ने अपना पहले और अंतिम हिंदी फ़िल्मी गीत के रूप में भगवान् भजन ही गाया है।
मृत्यु :-6 फरवरी 2022 को मुंबई में लता जी ने 92 वर्ष में अपनी आखिरी सांसे ली।इस महान यात्रा के पूर्ण पर हमारा रोम -रोम आपको प्रणाम करता है।