Magh Purnima 2022: हिंदू धर्म में हर माह पड़ने वाली पूर्णिमा (Purnima 2022) का विशेष महत्व है। हर माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima 2022) के नाम से जाना जाता है। इस दिन का शास्त्रों में विशेष महत्व है। इस दिन शाही स्नान (Shahi Snan 2022) किया जाता है। माघी पूर्णिमा के दिन गंगा तट पर उत्सव जैसा माहौल होता है। इस दिन पूजा, जब, तप और दान का खास विधान है।
धार्मिक मान्यता है कि इस पूजा-पाठ और जप-तप आदि से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। वहीं, मौत के बाद आदमी को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं माघी पूर्णिमा की तिथि, पूजा मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में।
माघी पूर्णिमा 2022 तिथि (Maghi Purnima 2022 Tithi)
पंचांग के मुताबिक माघ पूर्णिमा तिथि 16 फरवरी प्रातः काल 9 बजकर 42 मिनट से प्रारम्भ होगी और 16 फरवरी की रात 10 बजकर 55 मिनट पर समाप्ति होगा। 16 फरवरी के दिन भक्त प्रातः काल के समय गंगा समेत किसी भी पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाकर तिलांजलि करते हैं। वहीं, घर में भी नहाने के पानी में गंगा जाल डालकर स्नान किया जा सकता है।
माघी पूर्णिमा 2022 पूजन विधि (Maghi Purnima 2022 Pujan Vidhi)
अगर पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान किया जा सकता है। स्नान के बाद सबसे पहले भगवान भास्कर को ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र के जाप के साथ जल का अर्घ्य अर्पित करें। इसके बाद तिलांजलि दी जाती है। तिलांजलि देने के लिए सूर्य के सामने खड़े होकर जल में तिल डालें और तर्पण करें।
बता दें कि सूर्य देव की पूजा चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि से की जाती है। आखिर में आरती-प्रार्थना करें और पूजा समापन करें। पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान दक्षिणा दें। संभव हो तो ब्राह्मणों को भोजन कराएं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है।