Mauni Amavasya Vrat Katha 2022: हर माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या (Amavasya 2022) मनाई जाती है। माघ माह में अमावस्या 1 फरवरी (Magh Month Amavasya 2022) के दिन मनाई जाएगी। माघ माह में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2022) के नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, पूजा और दान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस गंगा स्नान करने से आदमी के सभी पाप दूर हो जाते हैं। वहीं, इस दिन दान आदि से भी विशेष फायदा होता है। मान्यता है कि इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, घर में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। मौनी अमावस्या के मौके पर गंगा घाट पर आस्था की डुबकी लगाई जाती है। इस मौके पर वहां उत्स्व जैसा माहौल रहता है। आइए जानें मौनी अमावस्या की व्रत कथा।
मौनी अमावस्या की कथा (Mauni Amavasya Vrat Katha)
प्राचीन काल में कांचीपुरी नामक नगर में देवस्वामी नामक एक ब्राह्मण रहता था। उनकी धर्मपत्नी बहुत गुणवान थी। दम्पत्ति को 7 पुत्र और एक पुत्री थी। देवस्वामी ने अपनी पुत्री के शादी लिए ज्योतिष से एक बार सलाह ली। ज्योतिष ने कुंडली देख ब्राह्मण को ग्रह हालात के बारे में बताया।
इस दौरान ज्योतिष ने बताया कि शादी के बाद कन्या विधवा हो जाएगी। ज्योतिष की ये बात सुनते ही ब्राह्मण दंपत्ति चिंता में डूब गए। लेकिन ज्योतिष ने साथ ही उन्हें समस्या का निवारण भी बताया। ज्योतिष ने ब्राह्मण को सलाह दी कि सिंहलद्वीप की धोबिन सोमा की पूजा करने से गुनाह दूर हो जाते हैं। देवस्वामी ने धोबिन को घर बुलाकर उनकी पूजा की। ब्राह्मण देवस्वामी के मेहमान सत्कार से धोबिन प्रसन्न हो गई और उसने पुत्री के पति को जीवनदान दिया।
कालांतर में जब ब्राह्मण की पुत्री के पति की मौत हुई तो वे धोबिन के वरदान से पुनः जीवित हो उठा। किन्तु जब धोबिन की पूजा करने का पुण्य क्षीण हो गया, तो पुनः उसके पति की मौत हो गई। उस समय ब्राह्मण दंपत्ति ने पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा-उपासना की। ऐसा करने से वे पुनः जीवित हो उठे।