किडनी की पथरी (Kidney Stones) एक भयावह समस्या है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है. मेडिकल भाषा में इसे नेफ्रोलिथियासिस (Nephrolithiasis) या यूरोलिथियासिस (Urolithiasis) भी बोला जाता है. दरअसल किडनी की पथरी खनिज और लवणों से बने सख्त पदार्थ होते हैं. बेकार खानपान, शरीर का अधिक वजन, कुछ बीमारियां और सप्लीमेंट और दवाएं का कारण (Kidney Stone cause) बनते हैं. आपके मूत्र पथ के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है. अक्सर, पथरी तब बनती है जब मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे मिनरल्स क्रिस्टल हो जाते हैं और आपस में चिपक जाते हैं.एक भयावह समस्या है. यदि समय पर इसकी पहचान हो जाए, तो पथरी आमतौर पर कोई स्थायी नुकसान नहीं पहुंचाती है. किडनी पथरी के मरीजों को पथरी को दूर करने के लिए दर्द की दवा लेने और ढेर सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है. यदि पथरी मूत्र पथ में जमा हो जाती है, तो उससे मूत्र संक्रमण से जुड़ी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, जिसमें सर्जरी की जरूरत हो सकती है. (Kidney stones symptoms) में पसलियों के नीचे, बाजू और पीठ में तेज दर्द होना, दर्द जो निचले पेट और कमर तक फैलता है, दर्द जो लहरों में आता है और तीव्रता में उतार-चढ़ाव करता है, पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना, गुलाबी, लाल या धुंधला भूरे रंग का पेशाब आना, पेशाब से बदबू आना, पेशाब करने की लगातार जरूरत होना, सामान्य से अधिक बार पेशाब करना या कम मात्रा में पेशाब आना, मतली और उल्टी, संक्रमण होने पर बुखार और ठंड लगना आदि शामिल हैं. दवाओं के अतिरिक्त किडनी की पथरी के लिए कई घरेलू तरीका भी हैं, जिनके जरिए किडनी को बाहर निकाला जा सकता है.
Pathri ki dawai: एक भयावह समस्या है. यदि समय पर इसकी पहचान हो जाए, तो पथरी आमतौर पर कोई स्थायी नुकसान नहीं पहुंचाती है. किडनी के पथरी के मरीजों को पथरी को दूर करने के लिए दर्द की दवा लेने और ढेर सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है. यदि पथरी मूत्र पथ में जमा हो जाती है, तो उससे मूत्र संक्रमण से जुड़ी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, जिसमें सर्जरी की जरूरत हो सकती है.
किडनी की पथरी (Kidney Stones)
एक भयावह समस्या है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है. मेडिकल भाषा में इसे नेफ्रोलिथियासिस (Nephrolithiasis) या यूरोलिथियासिस (Urolithiasis) भी बोला जाता है. दरअसल किडनी की पथरी खनिज और लवणों से बने सख्त पदार्थ होते हैं. बेकार खानपान, शरीर का अधिक वजन, कुछ बीमारियां और सप्लीमेंट और दवाएं गुर्दे की
पथरी का कारण (Kidney Stone cause)
बनते हैं. आपके मूत्र पथ के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है. अक्सर, पथरी तब बनती है जब मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे मिनरल्स क्रिस्टल हो जाते हैं और आपस में चिपक जाते हैं.
एक भयावह समस्या है. यदि समय पर इसकी पहचान हो जाए, तो पथरी आमतौर पर कोई स्थायी नुकसान नहीं पहुंचाती है. किडनी पथरी के मरीजों को पथरी को दूर करने के लिए दर्द की दवा लेने और ढेर सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है. यदि पथरी मूत्र पथ में जमा हो जाती है, तो उससे मूत्र संक्रमण से जुड़ी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, जिसमें सर्जरी की जरूरत हो सकती है.
(Kidney stones symptoms)
में पसलियों के नीचे, बाजू और पीठ में तेज दर्द होना, दर्द जो निचले पेट और कमर तक फैलता है, दर्द जो लहरों में आता है और तीव्रता में उतार-चढ़ाव करता है, पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना, गुलाबी, लाल या धुंधला भूरे रंग का पेशाब आना, पेशाब से बदबू आना, पेशाब करने की लगातार जरूरत होना, सामान्य से अधिक बार पेशाब करना या कम मात्रा में पेशाब आना, मतली और उल्टी, संक्रमण होने पर बुखार और ठंड लगना आदि शामिल हैं. दवाओं के अतिरिक्त किडनी की पथरी के लिए कई घरेलू तरीका भी हैं, जिनके जरिए किडनी को बाहर निकाला जा सकता है.
नींबू का रस
अध्ययन के अनुसार,
किडनी की पथरी के लिए आपको नींबू पानी पीना चाहिए. नींबू में साइट्रेट होता है, जो एक ऐसा रसायन है जो कैल्शियम स्टोन को बनने से रोकता है. साइट्रेट छोटे पत्थरों को भी तोड़ सकता है, जिससे वे अधिक सरलता से गुजर सकते हैं. नींबू के रस के और भी कई स्वास्थ्य फायदा हैं. उदाहरण के लिए, यह बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सहायता करता है और विटामिन सी प्रदान करता है.
तुलसी का रस
तुलसी में एसिटिक एसिड होता है, जो को तोड़ने और दर्द को कम करने में सहायता करता है. यह पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है. इस तरीका का उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन और सूजन संबंधी विकारों के लिए किया जाता रहा है. तुलसी के रस में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होते हैं, और यह किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता कर सकता है.
सेब का सिरका
सेब के सिरके में एसिटिक एसिड होता है. एसिटिक एसिड को घोलने में सहायता करता है. सेब साइडर सिरका पथरी के कारण होने वाले दर्द को कम करने में सहायता कर सकता है.
एक शोध में पाया गया कि सेब साइडर सिरका के गठन को कम करने में कारगर था, हालांकि अधिक शोध की जरूरत है. इसके लिए 6 से 8 औंस शुद्ध पानी में 2 बड़े चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं. इस मिश्रण को पूरे दिन पिएं.
अजवाइन का रस
अजवाइन का रस विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए माना जाता है, जो के निर्माण में सहयोग करते हैं. इसका इस्तेमाल लंबे समय से पारंपरिक दवाओं में किया जाता रहा है. यह शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने में भी सहायता करता है. अजवाइन के एक या एक से अधिक डंठल को पानी के साथ ब्लेंड करें और पूरे दिन इसका जूस पिएं.
अनार का रस
अनार के रस का उपयोग सदियों से किडनी के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए किया जाता रहा है. यह आपके सिस्टम से पथरी और अन्य विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकता है. यह एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ है, जो किडनी को स्वस्थ रखने और पथरी को विकसित होने से रोक सकता है. यह आपके यूरिन के एसिडिटी लेवल को भी कम करता है.
राजमा का शोरबा
पके हुए राजमा का शोरबा एक पारंपरिक व्यंजन है, जिसका उपयोग अक्सर हिंदुस्तान में किया जाता है. इसका उपयोग मूत्र और गुर्दे के रोगों के सुधार के लिए किया जाता है.
अध्ययन के अनुसार,
यह पथरी को घुलने और बाहर निकालने में भी सहायता कर सकता है. बस पकी हुई फलियों से तरल छान लें और दिन भर में कुछ गिलास पियें.
डंडेलियन की जड़ का रस
डंडेलियन या सिंहपर्णी पौधे की जड़ एक बेहतर किडनी टॉनिक है जो पित्त के उत्पादन को उत्तेजित करता है. ऐसा माना जाता है कि यह अपशिष्ट को समाप्त करने, मूत्र उत्पादन बढ़ाने और पाचन में सुधार करने में सहायता करता है. यह विटामिन (ए, बी, सी, डी) और पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे खनिज का भी बेहतर स्रोत है. एक शोध से पता चला है कि सिंहपर्णी को बनने से रोकने में प्रभावी है.
व्हीटग्रास जूस
व्हीटग्रास कई पोषक तत्वों से भरा होता है और लंबे समय से स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है.
व्हीटग्रास पथरी को दूर करने में सहायता करने के लिए मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है. इसमें जरूरी पोषक तत्व भी होते हैं जो किडनी को साफ करने में सहायता करते हैं. आप रोजाना 2 से 8 औंस व्हीटग्रास जूस पी सकते हैं.