सर्वाइकल कैंसर की बात करें तो ये यूटरस के निचले हिस्से को प्रभावित करता है, सर्वाइकल कैंसर वहीं बहुत ही अधिक तेजी से फैलती हुई रोग के रूप में सामने आ रही है. यदि ठीक समय में इसके उपचार को प्रारम्भ कर दिया जाता है तो इस गंभीर समस्या से निजात पाया जा सकता है, इसलिए आपको इस रोग के बारे में जानने कि आवश्य्कता होती है. सर्विक्स की लाइनिंग में दो ढंग की सेल्स होती हैं, इनका नाम होता है फ्लैट सेल्स और स्तंभ सेल्स. वहीं गर्भाशय के क्षेत्र में एक कोशिका कोशिका में परिवर्तित होता है. इसे स्कैमों कॉलमोर जंक्शन भी बोला जाता है, ये एक ऐसा क्षेत्र होता है, जहाँ कैंसर के विकास की आसार सबसे अधिक होती है.
इसके लक्षण के बारे में जानें
सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर एचपीवी संक्रमण यौन सम्पर्क या स्कीन सम्पर्क के माध्यम से फैलता है, इनका पता पेप टेस्ट के द्वारा लगाया जा सकता है, इसमें कोशिकाओं के विश्लेषण के लिए एक लैब में भेजा जाता है.
इसके लक्षण कुछ इस प्रकार के होते हैं
इसके लक्षणों में से एक है कि इसमें योनि से असामन्य रूप से खून का बहाव होना, अधिक समय तक पीरियड्स का बने रहना ये सब इसके लक्षण हैं.
इस रोग से कैसे कर सकते हैं अपना बचाव
यदि आप सर्वाइकल कैंसर से अपना बचाव करना चाहते हैं तो आपको इन बातों को ध्यान में रखने कि आवश्यकता होती है, कि हर दो वर्ष में आपको पेप टेस्ट जरूर करवाना चाहिए, अधिक मात्रा में एलकोहल का सेवन न करें, सिगरेट में निकोटिन कि मात्रा बहुत ही अधिक होती है, इसलिए आपको इसका अधिक मात्रा में सेवन से अवॉयड करना चाहिए, फल और सब्जियों का सेवन भरपूर मात्रा में करें. इसलिए ये सब ऐसी चीज़ें हैं जिनको आपको ध्यान में रखना चाहिए.