डिमेंशिया से ग्रसित आदमी को अपना ध्यान तो रखना ही चाहिए. परंतु ठंड के मौसम में आपको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है । आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ठंड का प्रभाव डिमेंशिया से ग्रसित आदमी पर कैसे पड़ता है । साथ ही आपको ठंड में ऐसे कौन से कदम उठाने चाहिए कि आपके डिमेंशिया का खतरा और ना बढ़े. ठंड का प्रभाव यदि आपके सर पर पर जाता है तो यहां आपके लिए खतरनाक को सकता है । डिमेंशिया के मरीज को अपने सर को ठंड में ढक कर रखना चाहिए क्योंकि सर में अधिक ठंड लगना आपके लिए खतरनाक हो सकता है. ठंडे पानी से अपने सर को ना धोए. हमेशा टोपी पहन कर रहे । धूप अवश्य ले यदि बाहर धूप है तो अपने सर को खुला रखकर धूप जरूर ले यह आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
क्या है डिमेंशिया
डिमेंशिया या मनोभ्रंश बुढ़ापे में होने वाली एक समस्या है. ये कोई रोग नहीं है, बल्कि दिमाग या मस्तिष्क को नुकसान पहुंचने के बाद आदमी के व्यवहार में आए परिवर्तन से पैदा होने वाले सामान्य लक्षणों में से एक है. अल्जाइमर, वैस्कुलर डिमेंशिया, पार्किंसंस सभी डिमेंशिया के भीतर ही आते हैं. अल्जाइमर को डिमेंशिया या मनोभ्रंश का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है.
तिल के ऑयल का इस्तेमाल पूरे ठंड में करे
आयुर्वेद में तिल के ऑयल का इस्तेमाल याददाश्त बढ़ाने में उपयोगी है. तिल के ऑयल को गुनगुना गर्म कर उसकी ३-३ बूंदें अपने नाक के दोनों नथुनों में डाल सकते हैं. सिर और पैरों के तलवों की मालिश के अतिरिक्त ऑयल को भोजन में भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
ठंड में गाजर का सेवन करें
ठंड के मौसम में गाजर भरपूर मात्रा में मिलती है ऐसे में इसका फायदा उठाएं.
इसमें उपस्थित विटामिन-ए से याददाश्त पर हुआ निगेटिव असर कम होता है. इसे सब्जी के रूप में, जूस या हल्वे के रूप में खा सकते हैं. बुजुर्गों के लिए इसका सूप बहुत ज्यादा लाभकारी होता है.