माइग्रेन या आधा सिरदर्द आजकल की अव्यवस्थित जिंदगी की देन है। जिसमें हम अपने खानपान पर नियमित ध्यान नहीं दे पाते हैं। सबसे बड़ा कारण है भागदौड़ की जिंदगी। जो तनाव से तो भरपूर है पर उससे मुक्त होने के लिए हम कोई उपाय नहीं करते। बस यही सारी वजहें धीरे-धीरे माइग्रेन के रुप में बदलने लगती हैं। जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपका सिर दर्द बढ़ता है।माइग्रेन को आम बोलचाल की भाषा में अधकपारी भी कहते हैं।
कारण और लक्षण
यह रोग व्यक्ति को दूसरे रोगों के फलस्वरूप हो जाता है जैसे- नजला, जुकाम, शरीर के अन्य अंग रोग ग्रस्त होना, पुरानी कब्ज इत्यादि| इसके आलावा स्त्रियों में यह रोग मासिकधर्म में गड़बड़ी के कारण हो सकता है| इसके अलावा आंखों में दृष्टिदोष की वजह से भी आधे सिर में दर्द हो सकता है। माइग्रेन मूल रूप से तो न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रह कर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। ये कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, जी मिचलाने, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।। पर्याप्त नींद न लेना, भूखे पेट रहना और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना जैसे कुछ छोटे-छोटे कारणों से भी माइग्रेन की शिकायत हो सकती है। एलर्जी के कारण भी माइग्रेन हो सकता है और अलग-अलग लोगों में एलर्जी के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। कुछ लोगों के लिए खाने-पीने की चीजें भी एलर्जी का कारण बन जाती हैं।
माइग्रेन मे लाभदायक है बादाम
माइग्रेन के रोगियों के लिए बादाम बहुत फायदेमंद होती है। रोजाना 10-12 नग बादाम का सेवन लाभकारी माना जाता है। बादाम दिमाग से संबंधित रोगों को जड़ से खत्म करता है।बादाम प्रोटीन, मैग्निशियम, पोटैशियम, जिंक, आयरन और फाइबर का भी अच्छा सोर्स है। मैग्नीशियम प्रभावी ढंग से विभिन्न माइग्रेन सक्रियताओं का मुकाबला कर सकता है क्योंकि यह रक्त शर्करा और रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करता है। अपने आहार में 500 मिलीग्राम मैग्नीशियम की खुराक माइग्रेन के दौरों का प्रभावी ढंग से इलाज करने में मदद कर सकती है। 20 ग्राम कच्चे बादाम में हाई क्वालिटी वाला प्रोटीन होता है, जोकि आवश्यक अमीनो एसिड्स में से तीसरा जरूरी एमीनो एसिड है। बादाम तेल से सिर की मालिश करने पर भी आराम मिलता है।
वे लोग जिनके ब्लड मे पित्त अधिक हो उन्हें बादाम नहीं खाना चाहिए।
माइग्रेन की अचूक दवा है योग और ध्यान। अगर योग नहीं कर सकते हैं तो व्यायाम करें। इससे आपका तनाव कम होगा। और तनाव कम होने से आपका डिप्रेशन दूर होगा।