Blue Topaz Benefits: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहों की हालात का असर आदमी के जीवन पर पड़ता है। इन प्रभावों को कम करने के लिए रत्न शास्त्र में कई रत्न सुझाए गए हैं। प्रत्येक ग्रह के मुताबिक रत्न होता है, जो उसके प्रभावों को कम करने में सहायता करता है। ऐसे ही यदि किसी आदमी की कुंडली में गुरू ग्रह निर्बल है तो उसे मजबूत करने के लिए पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है। रत्न शास्त्र के मुताबिक पुखराज गुरू का रत्न है।
रत्न शास्त्र में इस बात के बारे में बताया गया है कि आदमी को कोई भी रत्न बिना ज्योतिष की सलाह के धारण नहीं करना चाहिए। साथ ही, पुखराज धारण करते समय विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है। यदि इन्हें ठीक विधि से धारण न किया जाए, तो इसके उल्टे असर देखने को मिलते हैं। आइए जानते हैं नीले पुखराज के बारे में कुछ बातें।
पुखराज के होते हैं पांच रंग
रत्न शास्त्र के मुताबिक पुखराज पांच भिन्न भिन्न रंगों में मिलता है। पीला, भूरा, उजला, हरा, और नीला। कहते हैं कि वास्तविक पुखराज पारदर्शी होता है। वास्तविक की परख करने के लिए इसे 24 घंटे दूध में रखा जाता है। यदि इसके बाद भी इसमें फीकापन नहीं आता, तो समझे कि ये वास्तविक है।
रत्न शास्त्र में बताया गया है कि क्रोध पर काबू पाने के लिए नीले रंग का पुखराज धारण किया जाता है। कहते हैं कि इसे पहनने से आकर्षण शक्ति में विकास होता है। साथ ही, प्रेम संबंधों के लिए इस रत्न को अच्छा माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि नीले पुखराज को धारण करने से आदमी को सच्चा प्यार मिलता है। वहीं, विवाह आदि में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
भूलकर भी न धारण करें ये लोग
ज्योतिष के मुताबिक वृषभ, मिथुन, तुला, मकर, कन्या और कुंभ लग्न की राशि के जातकों को भूलकर भी पुखराज धारण नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही, कहते हैं कि पुखराज के साथ कभी भी हीरा या पन्ना रत्न धारण न करें। इसके अलावा, धनु लग्न में यदि गुरु ग्रह की स्थिति ठीक नहीं होती तो इस स्थिति में पुखराज गले में धारण करें।
इस राशि के जातक धारण करें पुखराज
ज्योतिषियों का मानना है कि धनु और मीन राशि के जातक पुखराज धारण कर सकते हैं। कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति देखते हुए मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक और धनु राशि के जातक भी पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं।